संभल बवाल को चुनाव से जोड़े अखिलेश यादव, सरकार ने जानबूझकर कराया हिंसा बोले सपा मुखिया

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लखनऊ: संभाल बवाल को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बयान दिया है। इसे वह यूपी में हुए उपचुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। साथ ही बोले कि सरकार ने संभल में जानबूझकर हिंसा कराया है। उन्होंने मामले को सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान में लेने की अपील की। यूपी के संभल जिले स्थित शाही जामा मस्जिद में रविवार को सर्वे के दौरान विवाद और बढ़ गया है। हिंसा और भड़क उठी है। इसमें अब तीन लोगों की मौत भी मौत भी हो चुकी है। अखिलेश ने बयान दिया कि संभल में गंभीर घटना हुई है। वहां सर्वे हो चुका था।

चुनाव की चर्चा न करने की साजिश

सपा मुखिया ने कहा कि चुनाव की चर्चा ना हो पाए इसीलिए जानबूझकर सर्वे की टीम भेजी गई थी, जिससे कि माहौल खराब हो जाए। अखिलेश ने कहा कि जानकारी मिली है कि कई लोगों को चोट पहुंची है और कई लोग घायल हैं। एक नौजवान नईम की जान चली गई है। आखिरकार जब सर्वे हो चुका था तब सरकार ने दोबारा बिना तैयारी के सर्वे क्यों कराया।

अखिलेश का सरकार से सवाल

अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि ये जानबूझकर किया गया है। ये जानबूझकर सरकार ने कराया है। ये जो संभल में हुआ है बीजेपी सरकार प्रशासन सब ने मिल कर कराया है। जिससे कि चुनाव की धांधली पर चुनाव की बेईमानी पर चर्चा ना हो सके।

सर्वे के नाम पर तनाव

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो शेयर कर लिखा, सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे। उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी और न है।

क्या है संभल का मामला

उत्तर प्रदेश के संभल जिले स्थित एक शाही जामा मस्जिद है। इसे लेकर एक याचिका दायर की गई। जिसमें याचिकाकर्ता अधिवक्ता जैन का कहना है कि संबल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है।हमारी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।

याचिकाकर्ता ने और क्या कहा

याचिकाकर्ता जैन ने मंगलवार को बताया था कि दीवानी न्यायाधीश सीनियर डिविजन की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये एडवोकेट कमीशन गठित करने के निर्देश दिये। अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।

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