वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अरबपति कारोबारी गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप में अमेरिका की अदालत में अभियोग चलाए जाने को लेकर भारतीय संसद में पैदा हुए व्यवधान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि यह कानून प्रवर्तन का मामला है। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की मांग पर भी बयान दिया।
राहुल गांधी ने अडानी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग
मिलर ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अडानी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। मिलर से सवाल किया गया था कि क्या आप अडानी की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ जांच और आरोपों का समर्थन करते हैं? सवालों के जवाब में मिलर ने कहा कि मैं इस विषय पर विधि मंत्रालय के अपने सहकर्मियों से टिप्पणी करने का अनुरोध करूंगा। अमेरिकी प्राधिकारियों ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी समेत सात अन्य लोगों पर 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी कंपनी ने जब गौतम अडानी पर ये आरोप लगाया था तब भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय से मुद्दे पर मीडिया ने सवाल किया था। तब भी व्हाइट हाउस ने मामले में कुछ भी टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया था। अडानी मामले से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में प्रभाव पड़ने की सवाल पर व्हाइट हाउस ने कहा था कि भारत और अमेरिका के संबंधों की नीव बहुत मजबूत है। अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों के हंगामे हुआ। इसके कारण लोकसभा और राज्यसभा सदन की सोमवार को दिनभर की कार्यवाही स्थगित रही साथ ही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।