भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024 तक ओडिशा के भुवनेश्वर में लोक सेवा भवन के राज्य कन्वेंशन सेंटर में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन 2024 को आज संबोधित करेंगे। इससे पहले अमित शाह शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि साइबर अपराध की चुनौतियों से निबटने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। वर्तमान समय में सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाना आवश्यक है ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा चुनौती का सामना किया जा सके।
भुवनेश्वर में आयोजित इस सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी पहुंचे हैं। पीएम मोदी आज शनिवार को सम्मेलन को संबोधित करेंगे। गृह मंत्री ने सम्मेलन में अपने संबोधन में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की। पुलिस अधिकारियों से अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने के लिए सभी राज्यों में एकजुट प्रयास किए जाने चाहिए।
अगले दो दिनों के दौरान इस सम्मेलन में देश का शीर्ष पुलिस नेतृत्व, मौजूदा एवं उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक खाका तैयार करेगा, जिनमें वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नारकोटिक्स, साइबर अपराध और आर्थिक सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। इसके साथ ही तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति तथा पुलिसिंग से जुड़ी बेस्ट प्रैक्टिस की भी समीक्षा की जाएगी।
गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति में हुए सुधार पर संतोष प्रकट किया। भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पहले दंड-केंद्रित थी, लेकिन अब तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से वह न्याय केंद्रित हो गई है। इन नए कानूनों की मूल भावना भारतीय परंपरा से प्रेरित है। प्रधानमंत्री 2014 से ही डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं। इस वर्ष के सम्मेलन में नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने पर विभिन्न विषयों खुली चर्चा की भी योजना बनाई गई है।
इससे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले प्रमुख ‘पुलिसिंग’ और आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ अपने विचार एवं सिफारिशें साझा करने का अवसर मिलेगा। वर्ष 2013 तक यह वार्षिक सम्मेलन नयी दिल्ली में आयोजित किया जाता था। उसके अगले साल जब, मोदी सरकार के सत्ता में आयी, तब गृह मंत्रालय (एमएचए) और खुफिया ब्यूरो (आईबी) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।