नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में सेक्स वर्कर्स को अधिकार नहीं दिए जाते, लेकिन बेल्जियम ने जहां पहले एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सेक्स वर्क को अपराध की श्रेणी से बाहर किया और इसे कानूनी मान्यता दी। वहीं, इस फैसले के बाद, बेल्जियम ने सेक्स वर्कर्स को न केवल काम करने का अधिकार दिया, बल्कि उन्हें मैटरनिटी लीव और पेंशन जैसे महत्वपूर्ण लाभ भी प्रदान किए। यह कदम सेक्स वर्कर्स के लिए जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हुआ है।
बेल्जियम की एक सेक्स वर्कर, सोफी, जिन्होंने पांच बच्चों को जन्म दिया है, ने इस बदलाव के महत्व को समझाया। सोफी ने बताया, “जब मैं गर्भवती थी, तो डॉक्टर ने मुझे बेड रेस्ट की सलाह दी, लेकिन अगर मैंने काम करना छोड़ दिया तो मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती। अब जब मुझे मैटरनिटी लीव और पेंशन मिल रही है, मेरी जिंदगी बहुत आसान हो गई है।” बेल्जियम के नए कानून के तहत, सेक्स वर्कर्स को अब वर्क कॉन्ट्रैक्ट, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, मैटरनिटी लीव और सिक लीव जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सोफी ने कहा, “यह हमें बाकी लोगों की तरह जीने का मौका देता है।”
2022 में बेल्जियम ने सेक्स वर्कर्स को दी थी कानूनी मान्यता
2022 में बेल्जियम में सेक्स वर्कर को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। कोविड-19 के दौरान सेक्स वर्कर्स की मदद के लिए सरकार की कमी को लेकर आवाज़ उठाई गई थी, जिसके परिणामस्वरूप यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया।
विरोध
जहां एक ओर इस कदम का समर्थन किया जा रहा है, वहीं कुछ आलोचक इसे गलत मानते हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिसर्चर एरिन किलब्राइड ने इसे दुनिया का सबसे अच्छा कदम बताया, जबकि आलोचक इस कानून को सेक्स वर्क से जुड़े शोषण और तस्करी को रोकने में असफल मानते हैं। बेल्जियम ने सेक्स वर्कर्स के लिए जो कदम उठाए हैं, वह न केवल उनके अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि समाज में सेक्स वर्क को एक सम्मानजनक पेशे के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।