जन्म दर बढ़ाने के लिए चीन ने ढूंढा अनोखा तरीका, कॉलेज में स्टूडेंट सीखेंगे एक-दूसरे से प्यार करना, पढ़ाएगा जाएगा ‘लव एजुकेशन’
नई दिल्ली : चीन में घटती जन्म दर एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और इसे लेकर सरकार चिंतित है। इस समस्या के समाधान के लिए चीनी सरकार अब एक नया कदम उठाने जा रही है। सरकार कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में ‘लव एजुकेशन’ प्रोग्राम शुरू करने का विचार कर रही है, जिससे विवाह, प्रेम और पारिवारिक जीवन को लेकर युवाओं की सोच में बदलाव लाया जा सके। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रोग्राम से समाज में विवाह और बच्चों के जन्म के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनेगा।
घटती जनसंख्या की वजह से परेशानी
यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब चीन लगातार दूसरे साल जनसंख्या में गिरावट का सामना कर रहा है। बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और कम होती कार्यशील जनसंख्या की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था और सरकारी संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। चीन की आबादी लगभग 1.4 बिलियन यानी 140 करोड़ है, लेकिन इसके बावजूद यहां बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सरकार का मानना है कि कॉलेज के छात्र, जो भविष्य में देश की जनसंख्या में योगदान देंगे, उन्हें विवाह और परिवार के बारे में सोचने और समझने की जरूरत है।
युवाओं की सोच में बदलाव लाने की कोशिश
हाल ही में एक सर्वे में यह सामने आया कि लगभग 57% कॉलेज के छात्र रोमांटिक रिश्तों में शामिल नहीं होना चाहते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि वे अपनी शिक्षा और व्यक्तिगत रिश्तों को संतुलित नहीं कर पाते, जिसके चलते वे ऐसे रिश्तों से दूर रहते हैं। इसलिए, सरकार का मानना है कि विश्वविद्यालयों में विवाह और लव एजुकेशन पर जोर देने से युवा पीढ़ी में रिश्तों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित हो सकती है।
सरकार का उद्देश्य विवाह और बच्चों के जन्म को लेकर एक अच्छा सांस्कृतिक माहौल बनाना है। अब यह देखना होगा कि सरकार का यह प्रयास युवाओं की सोच में बदलाव ला पाता है या नहीं, और क्या इससे जनसंख्या वृद्धि में कोई सुधार होता है।