नई दिल्ली : देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड क्लास बनाने की मुहिम जारी है. एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण करने के साथ सरकार की निगाह सुरंगों के निर्माण पर भी है. आने वाले समय में देश में करीब 153 सुरंगों का निर्माण किया जाना है. इसकी जानकारी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी है. उनका कहना है कि इन सुरंगों के निर्माण पर करीब 1.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसके बाद दुर्गम जगहों पर भी सड़क मार्ग से जाना आसान हो जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 49,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की करीब 75 सुरंग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने ‘सुरक्षित और टिकाऊ सुरंग निर्माण पर विश्व सुरंग दिवस 2024 सम्मेलन’ के मौके पर कहा कि भारत में सुरंग क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.
गडकरी ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री का सपना भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है. इस लक्ष्य के लिए हमें देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत है. हमारी सरकार ने देश में अच्छे बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. यही कारण है कि एनएचएआई ने 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 49 किलोमीटर लंबी 35 सुरंग परियोजनाएं पूरी कर ली हैं.
गडकरी ने कहा कि देश में 146 किलोमीटर लंबी करीब 75 सुरंग परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी लागत 49,000 करोड़ रुपये है. इसके अलावा देश में 1.10 लाख करोड़ रुपये लागत वाली 78 सुरंग परियोजनाएं आने वाली हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो आने वाले समय में देश में करीब 153 नई सुरंगों का निर्माण होगा, जिस पर करीब 1.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने दो दिन पहले असम के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की. ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे, हम एक बड़ी सुरंग बनाने की योजना बना रहे हैं. इसलिए, इस उद्योग से जुड़े सभी ठेकेदारों और सलाहकारों के लिए इसमें बहुत संभावनाएं हैं.सुरंग न केवल सड़क नेटवर्क के लिए बल्कि पनबिजली परियोजनाओं, मेट्रो और रेलवे के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं.’