दमिश्क समेत देश के प्रमुख शहरों पर बागियों का कब्जा…राष्ट्रपति भवन और रक्षा मंत्रालय भी अब विद्रोहियों के नियंत्रण में
दमिश्कः सीरिया में बशर अल-असद सरकार का तख्तापलट हो गया है। इसके साथ ही विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में बागियों ने राजधानी दमिश्क समेत देश के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमा लिया है। दमिश्क में स्थित रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन भी अब विद्रोहियों के नियंत्रण में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, ये भी खबर आ रही है कि असद के परिवार के कई सदस्य पहले ही रूस पहुंच चुके हैं।
दमिश्क में तनावपूर्ण स्थिति
विद्रोहियों ने दमिश्क में असद की सेना के टैंकों और हथियारों को अपने कब्जे में ले लिया है और इसके साथ ही लग्जरी कारों के बेड़े को भी कब्जे में ले लिया है। राजधानी में स्थिति भयावह बनी हुई है। सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो में विद्रोहियों को राष्ट्रपति भवन और रक्षा मंत्रालय पर हमला करते देखा गया। स्थानीय लोग डर के माहौल में जी रहे हैं, और कई इलाकों में लूटपाट और हिंसा की खबरें सामने आई हैं।
ईरानी विदेश मंत्री का बयान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने सीरिया में अचानक हुए इस तख्तापलट पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा, “हम आश्चर्यचकित हैं कि सीरियाई सेना विद्रोहियों को रोकने में विफल रही। यह सब बहुत तेजी से हुआ।” अरागची ने यह भी बताया कि असद ने ईरान से मदद की कोई मांग नहीं की थी।
तख्तापलट के पीछे की ताकत
सीरिया में असद सरकार को गिराने वाले विद्रोही अलग-अलग गुटों से संबंध रखते हैं। इनकी अगुवाई समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS)नाम का जिहादी संगठन कर रहा है। जिसका गठन 2017 में वहां के कई जिहादी समूहों के बागियों ने मिलाकर हुआ था। यह संगठन कई जिहादी गुटों का संयुक्त मोर्चा है, जिसमें अल-कायदा से जुड़े अल-नुसरा फ्रंट के सदस्य भी शामिल हैं। इस संगठन का नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जुलानी कर रहा है, जो खुद अल-कायदा से जुड़ा रहा है। HTS को पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
सीरिया के भविष्य पर सवाल
13 वर्षों तक चले गृहयुद्ध के बाद असद सरकार का अंत हो चुका है। सीरिया अब नए राजनीतिक और सैन्य संकट की ओर बढ़ रहा है। वहीं, देश के लोग इस बात से परेशान हैं कि इस बदलाव से अब देश पर क्या असर होगा।