मुंबई: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एक कंपनी के ‘स्टोरेज टैंक’ से निकले धुएं के संपर्क में आने से गुरुवार को एक महिला और 59 छात्र प्रभावित हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि यह टैंक ‘जेएसडब्ल्यू जयगढ़ पोर्ट एलपीजी’ में था लेकिन कंपनी ने कहा कि उसके परिसर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। एक पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि प्रभावित छात्र जयगढ़ विद्या मंदिर स्कूल के हैं। यह स्कूल ‘जेएसडब्ल्यू जयगढ़ पोर्ट एलपीजी’ के पास है।
अधिकारियों ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले 250 विद्यार्थियों में से 53 लड़कों, छह लड़कियों और एक महिला को टैंक की सफाई के दौरान निकले धुएं के संपर्क में आने के बाद आंखों में जलन, बेचैनी और मतली की शिकायत के कारण विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जिला सिविल अस्पताल के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि तीन छात्र आईसीयू में हैं, हालांकि उनकी हालत स्थिर है। अन्य की तुलना में उन्हें बेचैनी और बेहोशी की समस्या अधिक हो रही है और उनके पेट में तेज दर्द भी हो रहा है।
बच्चों का अस्पताल में ईलाज जारी
स्वास्थय अधिकारी ने आगे कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रहा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह धुआं ‘इथाइल मरकैप्टन’ से निकला जो एक रंगहीन, ज्वलनशील और अत्यधिक दुर्गन्धयुक्त तरल पदार्थ है तथा इसका इस्तेमाल प्राकृतिक गैस के लिए गंधक के रूप में तथा प्लास्टिक, कीटनाशकों और एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए प्रारंभिक सामग्री के रूप में किया जाता है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि हम अपने कर्मचारियों, समुदाय और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
कंपनी ने कहा हम सुरक्षा का पालन करते हैं
कंपनी के बयान में आगे कहा गया है कि हम सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हैं और अपने संचालन की लगातार निगरानी करते हैं ताकि उन्हें उच्चतम मानकों के अनुरूप रखा जा सके। सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है और हम ऐसी हर घटना को रोकने के लिए हर एहतियात बरतते हैं जो आसपास के समुदाय के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।