लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार को बहराइच और संभल मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया। सिराथू से समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पल्लवी पटेल “जनहित के मुद्दे पर” विधानमंडल परिसर में चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गईं। पल्लवी पटेल ने सरकार पर “जनहित के मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय अपने निजी हितों को साधने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है।
पल्लवी पटेल ने कहा कि राजकीय कोष में लूटमार हो रही है। अपात्र लोगों को प्रमोशन दे दिया गया। अगर ऐसे लोगों को प्रमोशन दिया गया, तो कोष को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि वह सरकार के एक विभाग में घोटाले के बारे में प्रश्न उठा रही हैं। पल्लवी पटेल ने कहा, “मैं चाहती थी कि सदन में इस पर चर्चा हो। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जवाब दें। जब पहली बार मैंने सवाल उठाया तो सदन स्थगित कर दिया गया। दोबारा जब मैंने सवाल उठाने की कोशिश की तो अध्यक्ष ने नियम का हवाला दिया। पिछड़े समाज का वोट लेकर आपकी सरकार बनी। क्या नियम के आधार पर यह घोटाला किया गया है। यह लोक महत्व का मुद्दा है। मुख्यमंत्री योगी सदन में बैठे थे, उनसे जवाब मिल जाता।”
अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू से सपा के निशान पर जीतकर विधानसभा पहुंचने वाली पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा सेवा नियमावली को दरकिनार कर पुरानी नियमावली के तहत भर्ती करते हुए यह घोटाला किया गया है। 25-25 लाख रुपये लेकर सीधी भर्ती की बजाय 250 लेक्चररों को प्रमोशन दिया गया। यह बिल्कुल गलत है। एआईसीटीई के नियमों को दरकिनार कर दिया गया।