अमेरिका ने पाकिस्तान पर दिखाई सख्ती, मिसाइल प्रोग्राम पर लगाया बैन, तीन कंपनियों पर भी लगा जुर्माना
वॉशिंगटन : पाकिस्तान को लेकर अमेरिका का रुख बिल्कुल भी नर्म नहीं हुआ है। इस बात की झलक अमेरिका के ताजा फैसलों से मिल रही है। अमेरिका ने पाकिस्तान के ऊपर कई नए प्रतिबंध लगाए हैं। यह प्रतिबंध उसकी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के चलते लगाए गए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के सरकारी नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (एनडीसी) और इससे जुड़ी कराची स्थित तीन कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि यह प्रतिबंध जनहानि वाले हथियारों और तकनीक को रोकने के लिए लगाया गया है।
इस फैसले के मुताबिक कोई भी अमेरिकी सामान पाकिस्तान की प्रतिबंधित इकाइयों को नहीं भेजा जा सकता। इतना ही नहीं, अमेरिका का कोई नागरिक या बिजनेसमैन भी इनके साथ जुड़ नहीं सकता है। अमेरिका द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान की लंबी दूरी की मिसाइल के प्रसार के खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि एनडीसी का हेडक्वॉर्टर इस्लामाबाद में है। यह पाकिस्तान के मिसाइल डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाता है। यह पाकिस्तान की मिसाइलों के लिए जरूरी सामान मंगाने में भी सक्रिय रहता है। इसने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम शाहीन मिसाइल को विकसित करने में अपनी भूमिका निभाई है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के दायरे में तीन निजी पाकिस्तानी फर्में भी आती हैं। यह हैं एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड सन्स प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइजेज। इन सभी पर आरोप हैं कि यह मिसाइल प्रोग्राम में एनडीसी की मदद करती हैं। परमाणु वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च बताती है कि पाकिस्तान के पास अब 170 परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान में पहला परमाणु परीक्षण साल 1998 में हुआ था। यह परमाणु अप्रसार संधि में भी शामिल नहीं है जो इन घातक हथियारों के प्रसार पर रोक लगाता है।
मैथ्यू मिलर ने कहाकि अमेरिका संदिग्ध ढंग से हथियारों के प्रसार और खरीद-फरोख्त की गतिविधियों पर कार्रवाई करता रहेगा। वहीं, वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।