नईदिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 दिसंबर को कुवैत के ऐतिहासिक दौरे पर जाएंगे. 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होगी. पीएम मोदी की यह यात्रा कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कुवैत दौरे में भारतीय समुदाय के लोगों से और वहां के टॉप नेतृत्व से बातचीत करेंगे. कुवैत में 10 लाख से अधिक प्रवासी भारतीय रहते हैं. देश की अर्थव्यवस्था में भारतीय समुदाय का सबसे बड़ा योगदान है. वैसे में उनके अधिकार पर भी पीएम मोदी बात करेंगे.
उसके बाद कुवैत के विदेश मंत्री अबदुल्लाह अली अल-याहया ने दिसंबर के पहले हफ्ते में ही नई दिल्ली की यात्रा की थी। इस दौरे से यह संदेश देने की कोशिश है कि भारत ऊर्जा संसाधनों का अकूत भंडार रखने वाले इस देश के साथ अपने संबंधों को लेकर कितना गंभीर है। प्रधानमंत्री कुवैत में भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जिनकी जड़ें इतिहास में हैं और जो आर्थिक और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं। भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।
बता दें कि बीते दिनों कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय की ओर से कुवैत के विदेश मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) का एकमात्र देश है, जहां पीएम मोदी ने अभी तक दौरा नहीं किया है। कुवैत वर्तमान में जीसीसी का अध्यक्ष है। जीसीसी में कुवैत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन, सऊदी अरब, ओमान और कतर भी शामिल हैं। ज्ञात हो कि सितंबर में पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में यूएनजीए के 79वें सत्र के मौके पर कुवैत राज्य के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा से मुलाकात की थी, जो दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत दौरा बेहद खास माना जा रहा है. कुवैत खाड़ी सहयोग परिषद का प्रमुख सदस्य है और फिलहाल जीसीसी की अध्यक्षता भी कर रहा है. वैसे में भारत का संबंध जीसीसी सदस्य देशों से बेहतर हो जाएगा. साथ ही कुवैत भारत के लिए कच्चे तेल और LPG का सबसे प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश है. 43 साल पहले 1981 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था. हालांकि 2009 में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी दौरा किया था.