’40 का लहसुन हुआ 400 पार, कुंभकरण की नींद सो रही सरकार’, सब्जियों की कीमतों में उछाल को लेकर राहुल गांधी ने साधा केंद्र पर निशाना
नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सब्जियों की कीमतों में उछाल को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आम लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है, लेकिन सरकार कुंभकरण की नींद सोई हुई है। राहुल गांधी ने दिल्ली के कालकाजी इलाके की एक सब्जी मंडी का दौरा किया था। उन्होंने इस दौरे का एक वीडियो मंगलवार को अपने विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल पर जारी किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह वीडियो ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट कर लिखा कि कुछ दिनों पहले एक स्थानीय सब्जी मंडी में पहुंच कर ग्राहकों के साथ खरीददारी करते हुए विक्रेताओं से बातचीत की।
इस दौरान राहुल गांधी ने यह भी जाना कि आम लोगों का बजट कैसे बिगड़ रहा है और महंगाई ने किस तरह से सभी को परेशान कर रखा है। लोग बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं और आम ज़रूरत की छोटी-छोटी चीजों पर समझौता करने पर मजबूर हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमने लहसुन, मटर, मशरूम और दूसरी सब्जियों के भाव पर चर्चा की और लोगों के असली अनुभव सुने।
“लहसुन कभी ₹40 था, आज ₹400!”
बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा आम आदमी की रसोई का बजट – कुंभकरण की नींद सो रही सरकार! pic.twitter.com/U9RX7HEc8A
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2024
लोग क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने बताया कि 400 रुपये किलो लहसुन और 120 रुपये किलो मटर ने कैसे सबके बजट को हिला दिया है। लोग खाएंगे क्या और बचाएंगे क्या। राहुल गांधी के मुताबिक, उन्होंने चाय पर बात करते हुए गृहणियों के जीवन की परेशानियों को नज़दीक से जाना कि किस प्रकार आमदनी वहीं रुकी हुई है और महंगाई लगातार बेतहाशा बढ़ रही है, किस प्रकार बचत असंभव हो गई है और किस प्रकार सिर्फ खाने के खर्च पूरे करने के कारण 10 रुपये का रिक्शा भाड़ा भी जुटा पाना मुश्किल हो गया है।
कुंभकरण की नींद सो रही सरकार
राहुल ने कहा कि महंगाई का असर आपको भी महसूस हो रहा है। हमें बताएं कि आप किस प्रकार इस समस्या से जूझ रहे हैं- बाज़ार का हाल तो पता ही है, आप भी अपने निजी अनुभव हमारे साथ साझा करें। राहुल गांधी ने यह वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा आम आदमी की रसोई का बजट – कुंभकरण की नींद सो रही सरकार।