नई दिल्ली: NASA के सोलर प्रोब पार्कर ने नया इतिहास रच दिया है. शाम ठीक 5 बजकर 10 मिनट पर अमेरिकन स्पेस एजेंसी (American Space Agency) का यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सबसे नजदीक से गुजरा . यह इंसानों का बनाया पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट है जो सूर्य के इतने नजदीक पहुंचा है. NASA के मुताबिक यान की सूरज से दूरी सिर्फ 61 लाख किमी रही. इससे पहले जो यान सूर्य के सबसे नजदीक गया था वह तकरीबन 4.3 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरा था. पार्कर उससे तकरीबन 7 गुना ज्यादा नजदीक पहुंचा.
सूरज की धरती से दूरी तकरीबन 15 करोड़ किलोमीटर है, अब तक दुनिया में जितने भी सूर्य मिशन लांच हुए हैं, वह सूरज से करोड़ों किलोमीटर दूरी से ही इसके रहस्य को खंगालते रहे हैं. सूर्य मिशनों के अब तक के इतिहास जो स्पेसक्राफ्ट तारे के सबसे नजदीक गया था वह NASA का ही हिलियोस-2 था जो 1976 में सूर्य से तकरीबन 4.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरा था.
सूरज के सबसे नजदीक पहुंचा NASA का ये स्पेसक्राफ्ट मंगलवार को जब सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचा तब इसकी स्पीड 6 लाख 92 हजार 17 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो 190 किमी प्रति सेकेंड की स्पीड से ज्यादा है. NASA का दावा है कि यह अब तक बनाए गए किसी भी इंसानी ऑब्जेक्ट की तुलना में इसकी गति सबसे ज्यादा है. जो एक नया रिकॉर्ड भी है. नासा के मुताबिक अब तक किसी भी तारे के इतने नजदीक और इतनी स्पीड से कोई भी स्पेसक्राफ्ट नहीं गुजरा है.
नासा के मुताबिक यह स्पेसक्राफ्ट 1371 डिग्री सेल्सियस तक तापमान झेल सकता है, जब है सूर्य के पास से गुजरा तब इसका तापमान तकरीबन 982 डिग्री सेल्सियस यानी तकरीबन 1800 फारेनाइट के आसपास रहा था. यह मिशन अगले तीन दिन सूरज के वातावरण में रहेगा. सूरज के इस इलाके को पेरिहेलियन कहा जाता है. अब तक यह स्पेसयान 21 बार सूरज के चक्कर लगा चुका है, लेकिन पहली बार इतना नजदीक पहुंचा है.
सूरज फिलहाल अपनी सबसे सक्रिय अवस्था में है, जिसे सोलर मैक्सिमम कहा जाता है. ऐसे में माना जा रहा है कि यह यान सूरज के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटा सकता है, हालांकि ये यान नासा तक इन जानकारियों को तुरंत नहीं पहुंचा पाएगा, वो इसलिए क्योंकि फिलहाल ये नासा के संपर्क से बाहर है और सूरज के वातावरण से बाहर निकलते ही यह एक बार फिर 27 दिसंबर को नासा से संपर्क स्थापित कर लेगा, उसके बार जानकारियां भेजेगा.
नासा का सोलर प्रोब पार्कर अगले साल फिर सूरज के नजदीक जाएगा. नासा के मुताबिक अगले साल यह स्पेसक्राफ्ट तकरीबन 2 बार सूरज के नजदीक तक पहुंचेगा. हालांकि सूरज से इसकी दूरी कितनी होगी इस बारे में नासा की ओर से जानकारी नहीं दी गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पेसक्राफ्ट में अभी इतना फ्यूल बचा है कि ये एक साल तक चल सके.
नासा का यह सोलर प्रोब मिशन 6 साल पहले 2018 में लॉन्च किया गया था जो अब तक सबसे तेज गति वाला मिशन है. लॉन्चिंग के 85 दिन बाद 5 नवंबर को यह सूरज की कक्षा में पहुंच गया था. 7 साल लंबे इस मिशन में यान को सूरज के कुल 24 चक्कर लगाने थे. अब तक यह 21 बार सूर्य के चक्कर लगा चुका था. आज इसने 22 वां चक्कर पूरा कर लिया है. अगले साल यह फिर सूरज के 2 चक्कर लगाएगा.