लखनऊ की महिला की एचएमपीवी रिपोर्ट नेगेटिव आई

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लखनऊ: देश के अन्य हिस्सों के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामले सामने आए हैं। इनमें एक गाजियाबाद और दूसरा लखनऊ से है। हालांकि लखनऊ की महिला की पहली रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरी नेगेटिव आई है। दोनों ही मामले बुजुर्गों से जुड़े हैं जिनमें एक की उम्र 92 और दूसरे मरीज की करीब 60 वर्ष है। वे डायबिटीज, किडनी फेल्योर और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी कई जटिल बीमारियों से पीड़ित हैं। मरीजों को श्वांस के तीव्र संक्रमण के चलते पहले निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। वहीं गाजियाबाद की रिपोर्ट एम्स से आनी है।

देश में गुरुवार तक एचएमपीवी के 11 मामले सामने आए थे। इनमें कर्नाटक में दो, तमिलनाडु में दो, महाराष्ट्र और कोलकाता में तीन-तीन और गुजरात में एक मामला शामिल था। अब दो मामले यूपी में भी रिपोर्ट हुए हैं। गाजियाबाद और लखनऊ के केसों में कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं मिला है, जिससे साफ है कि उन्हें संक्रमण विदेशी यात्रा से नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो दोनों मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। इसके चलते दोनों की दिक्कतें बढ़ी हैं। दोनों मामलों के नमूने आगे के परीक्षण के लिए आईसीएमआर-वीआरडीएलएस में भेजे गए। गाजियाबाद के मरीज का सेंपल एम्स नई दिल्ली और लखनऊ वाले के केजीएमयू भेजा गया था। इसमें केजीएमयू की रिपोर्ट में कहा गया कि निजी अस्पताल में लिया गया महिला का पहला सेंपल पॉजिटिव था जबकि बाद में लिया गया सेंपल नेगेटिव आया है। इस रिपोर्ट के हिसाब से महिला को वायरस के संक्रमण से मुक्त बताया गया है। वहीं गाजियाबाद की रिपोर्ट एम्स से आनी है।

देश के अन्य हिस्सों के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामले सामने आए हैं। इनमें एक गाजियाबाद और दूसरा लखनऊ से है। हालांकि लखनऊ की महिला की पहली रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरी नेगेटिव आई है। दोनों ही मामले बुजुर्गों से जुड़े हैं जिनमें एक की उम्र 92 और दूसरे मरीज की करीब 60 वर्ष है। वे डायबिटीज, किडनी फेल्योर और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी कई जटिल बीमारियों से पीड़ित हैं। मरीजों को श्वांस के तीव्र संक्रमण के चलते पहले निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। वहीं गाजियाबाद की रिपोर्ट एम्स से आनी है।

देश में गुरुवार तक एचएमपीवी के 11 मामले सामने आए थे। इनमें कर्नाटक में दो, तमिलनाडु में दो, महाराष्ट्र और कोलकाता में तीन-तीन और गुजरात में एक मामला शामिल था। अब दो मामले यूपी में भी रिपोर्ट हुए हैं। गाजियाबाद और लखनऊ के केसों में कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं मिला है, जिससे साफ है कि उन्हें संक्रमण विदेशी यात्रा से नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो दोनों मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। इसके चलते दोनों की दिक्कतें बढ़ी हैं। दोनों मामलों के नमूने आगे के परीक्षण के लिए आईसीएमआर-वीआरडीएलएस में भेजे गए। गाजियाबाद के मरीज का सेंपल एम्स नई दिल्ली और लखनऊ वाले के केजीएमयू भेजा गया था। इसमें केजीएमयू की रिपोर्ट में कहा गया कि निजी अस्पताल में लिया गया महिला का पहला सेंपल पॉजिटिव था जबकि बाद में लिया गया सेंपल नेगेटिव आया है। इस रिपोर्ट के हिसाब से महिला को वायरस के संक्रमण से मुक्त बताया गया है। वहीं गाजियाबाद की रिपोर्ट एम्स से आनी है।

कमजोर प्रतिरोधक क्षमता, सांस रोगियों के लिए दिक्कत
एचएमपीवी एक श्वसन संक्रमण है, जो हल्के सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। खासतौर से उन लोगों में जिनकी रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर होती है या जो पहले से श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वायरस नया नहीं है। केवल सतर्क रहें, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। किसी भी श्वसन संबंधित बीमारी को लेकर तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

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