लक्षद्वीप में लापता नाव में सवार लोगों को भारतीय तटरक्षक बल ने बचाया

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लक्षद्वीप,। भारतीय तटरक्षक बल ने मंगलवार को लक्षद्वीप के कवरत्ती से सुहेलिपार द्वीप के लिए रवाना हुई एक नाव में सवार 54 यात्रियों और चालक दल के तीन सदस्यों को समुद्र से सुरक्षित बचा लिया। इस बचाव कार्य में तटरक्षक बल की तत्परता और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की जा रही है।

दरअसल, 14 जनवरी को दोपहर करीब 2:30 बजे, कवरत्ती स्थित भारतीय तटरक्षक बल मुख्यालय को लक्षद्वीप प्रशासन से एक अलर्ट प्राप्त हुआ, जिसमें एक नाव के लापता होने और उस पर सवार 54 यात्रियों और चालक दल के तीन सदस्यों के होने की जानकारी दी गई थी। यह नाव कवरत्ती से 14 जनवरी को रात 12:15 बजे सुहेलिपार द्वीप के लिए रवाना हुई थी और सुबह 9 बजे तक वहां पहुंचने की उम्मीद थी। इस नाव में 22 महिलाएं, 9 पुरुष, 3 शिशु और 20 बच्चे सवार थे।

जानकारी मिलने के बाद, भारतीय तटरक्षक बल ने तुरंत एक खोज और बचाव (एसएआर) मिशन शुरू किया। कवरत्ती के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन (आरओएस) से इस नाव को ढूंढने के प्रयास किए गए और नाव का पता चल गया। जांच में यह सामने आया कि नाव का इंजन खराब हो गया था और वह समुद्र के बीच फंस गई थी। तटरक्षक बल ने फंसी हुई नाव से संपर्क किया और स्थिति की जानकारी प्राप्त कर ली। इसके बाद तटरक्षक बल के एक जहाज को नाव की स्थिति पर भेजा गया।

इसके बाद शाम करीब 4:30 बजे तटरक्षक बल का जहाज सुहेलिपार द्वीप से लगभग चार समुद्री मील दूर फंसी हुई नाव तक पहुंचा। जहाज के बोर्डिंग टीम ने स्थिति का मूल्यांकन किया और सभी 54 यात्रियों को सुरक्षित रूप से जहाज पर सवार कर लिया। इसके बाद इन यात्रियों को कवरत्ती द्वीप पर भेजने के लिए तैयार किया गया। यात्रियों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता दी गई और उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित किया गया। सभी यात्रियों को कवरत्ती द्वीप पर लक्षद्वीप प्रशासन के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।

लक्षद्वीप के जिला मुख्यालय ने लक्षद्वीप प्रशासन को यह महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि समुद्र में खोज और बचाव कार्य तब और अधिक प्रभावी हो सकते हैं जब नावें सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करती हैं, खासकर नावों को निर्धारित क्षमता से अधिक नहीं लादना और जीवन रक्षक उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित करना चाह‍िए।

इस सफलता ने भारतीय तटरक्षक बल की समर्पित प्रतिबद्धता को और भी स्पष्ट किया, जो लक्षद्वीप के दूरदराज के जल क्षेत्र में जान बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। तटरक्षक बल का आदर्श वाक्य “वयं रक्षाम: (हम रक्षा करते हैं)” इस मिशन में पूरी तरह से प्रदर्शित हुआ।

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