शंभू बॉर्डर से आज फिर दिल्ली कूच करेगा 101 किसानों का जत्था, हरियाणा सीमा में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैयार

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अंबाला: आज शहर हरियाणा-पंजाब सीमा शंभू बॉर्डर पर तीसरी बार यानी आज 14 दिसंबर को, किसान दिल्ली कूच के लिए अपनी तैयारी में है। इस बाबत आज शंभू से 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ेगा, जबकि हरियाणा सीमा में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैयार है। आज शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग को और पुख्ता किया है, जबकि अपनी रणनीति भी बनाई है। वहीं इसके पहले दिल्ली कूच की दो कोशिशों को हरियाणा पुलिस ने नाकाम कर दिया है, जबकि इस दौरान छोड़े गए आंसू गैस के गोलों की चपेट में आने से कई किसान घायल हुए थे।

इस बाबत संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) नेता राकेश टिकैत ने YRLS शुक्रवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से खनौरी सीमा पर मुलाकात की जिनका आमरण अनशन 18वें दिन में प्रवेश कर गया है। उन्होंने ‘संयुक्त लड़ाई’ के लिए किसान समूहों से एकजुट होने का आह्वान किया। टिकैत के साथ एसकेएम नेता हरिंदर सिंह लाखोवाल भी थे।

इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू प्रदर्शन स्थल पर मौजुद संवाददाताओं को बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 101 किसानों का एक समूह 14 दिसंबर को दोपहर में शंभू सीमा से दिल्ली तक पैदल मार्च करने का एक और प्रयास करेगा। वहीं सवालों का जवाब देते हुए टिकैत ने कहा था, ‘‘डल्लेवाल जी हमारे बड़े नेता हैं और हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, पूरे देश के किसान चिंतित हैं।” टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता भी हैं।

उन्होंने कहा था कि, ‘‘हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।।।सरकार को संज्ञान लेना चाहिए।।।ऐसा नहीं लगता कि डल्लेवाल अपना आमरण अनशन वापस लेंगे जब तक कि सरकार उनसे बातचीत नहीं करती और उनकी मांगें पूरी नहीं करती।”

यह पूछे जाने पर कि क्या सभी संगठनों (जिन्होंने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान एसकेएम का गठन किया था) को किसानों के अधिकारों की लड़ाई प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए हाथ नहीं मिलाना चाहिए, टिकैत ने कहा, ‘‘हमने एक समिति बनाई है जो समूहों के साथ संवाद करेगी।” उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। जानकारी दें कि, डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं ताकि केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया था। किसानों के एक समूह ने छह दिसंबर और आठ दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया। हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को फिर से मार्च करने का प्रयास करेंगे।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि 101 किसानों का जत्था आज यानी शनिवार को शांतिपूर्ण तरीके से पैदल मार्च करेगा। हरियाणा के अधिकारियों द्वारा पिछले दो मौकों पर दिल्ली तक पैदल मार्च करने की अनुमति नहीं देने का जिक्र करते हुए पंधेर ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पैदल चल रहे 101 किसान कैसे खतरा पैदा कर सकते हैं।

पंधेर ने कहा था कि किसानों के आंदोलन तेज करने से पहले सरकार को बातचीत करनी चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में पंधेर ने डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति को “गंभीर” बताया तथा कहा कि आमरण अनशन शुरू करने के बाद से उनका वजन 14 किलो कम हो गया है। उन्होंने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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