10 अगस्त से प्रारंभ हुई नौ दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन दयाल बाघ सुशांत गोल्फ सिटी में लगी भक्तों की अपार भीड़
लखनऊ: भगवान में श्रद्धा और विश्वास रखते हुए हमें निरंतर भजन पूजन में लगे रहना चाहिए। हमारे सनातन सदग्रंथ बताते हैं कि फल की चिंता नहीं करते हुए जो निरंतर भजन पूजन और सत्कर्म में लगे रहते हैं, भगवान उन्हें उसका फल अवश्य प्रदान करते हैं। उक्त बातें लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी , दयाल बाग में 10 अगस्त से प्रारंभ हुई नौ दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज ने व्यासपीठ से कहीं।
सरस् श्रीराम कथा गायन के माध्यम से भारतीय और पूरी दुनिया के सनातन समाज में अलख जगाने के लिए जनप्रिय कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने धनुष भंग और श्री सीताराम विवाह प्रसंगों का गायन करते हुए कहा कि मनुष्य को परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए उसे अपने कर्म को संभाल के रखने की आवश्यकता होती है। फल तो अवश्य मिलेगा, भले उसके परिणाम को मिलने में थोड़ा समय लगे। वृक्ष लगाते ही फल नहीं देने लगता है , समय आने पर फल निकलते हैं। जीवन में हमें किसी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि वो आपसे परेशान हो जाए। जितना हो सके जीवन को सरल और सहज बनाना चाहिए। सहजता ही ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति है।
समाज में आम लोग श्रेष्ठ के ही आचरण का अनुकरण और अनुसरण करते हैं ऐसे में सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने आचार, व्यवहार, आहार में श्रेष्ठता का प्रदर्शन करें, जिनका अनुकरण किया जा सके। भारतीय सनातन संस्कृति में यह बार-बार प्रमाणित हुआ है कि जो भी व्यक्ति धर्म पथ पर चलते हुए संसार में विचरण करते हैं, उनके घर से दुख भी दूरी बना कर रहता है और ऐश्वर्य स्वयं चलकर उनके घर पहुंचते हैं। कथा के आयोजक श्री राजेश सिंह दयाल ने मीडिया वार्ता के दौरान कथा में आये नवयुवक युवतियों की उपस्थिति पे प्रशंसा व्यक्त की एवं धर्मार्थ में उनकी रुचि से समाज में आने वाले सकारात्मक बदलाव की बात कही ।
इस कथा के प्रधान संकल्पी उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की पूजनीया माता जी ने और दयाल ग्रुप के चेयरमैन श्री राजेश सिंह दयाल ने सपरिवार व्यास पीठ पर उपस्थित भगवान का पूजन किया। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह , डॉक्टर श्रद्धा राजपूत, भारत दीक्षित जी , कौशल जी , प्रशांत भाटिया जी सहित विभिन्न विधायक और कई विशिष्ट अतिथि कथा में उपस्थित रहे। धनुष भंग प्रसंग का श्रवण करने के लिय बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोतागण को महाराज जी के द्वारा गाए गए दर्जनों भजनों पर झूमते हुए देखा गया।