बेंगलुरु (Bangalore) । कर्नाटक (Karnataka) में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) की दौड़ में लगभग सभी पार्टियों ने आपराधिक रिकॉर्ड (criminal record) वाले उम्मीदवारों (candidates) को मैदान में उतारा है। चुनाव निगरानी के क्षेत्र से जुड़े एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट सामने आई है। इसके अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग में दायर हलफनामों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के 31 प्रतिशत, भाजपा के 30 प्रतिशत और जेडीएस के 25 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2023 में उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ वित्तीय, शैक्षिक, लिंग और अन्य विवरणों का विश्लेषण करने वाली यह रिपोर्ट है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस के 221 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें भाजपा के 224 में से 66 और जदएस के 208 में से 52 और आम आदमी पार्टी के 208 उम्मीदवारों में से 30 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। प्रत्याशियों की ओर से दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन उम्मीदवारों के खिलाफ ‘गंभीर आपराधिक मामले’ (अपराध जिसके लिए अधिकतम सजा 5 साल या उससे अधिक है) की कुल संख्या 404 है, या 2023 के विधानसभा चुनाव में सभी उम्मीदवारों का 16 प्रतिशत है। यह संख्या 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में कम से कम 6 प्रतिशत अधिक है, जिसमें 254 (10 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। जिन 404 उम्मीदवारों के खिलाफ मामले दर्ज हैं, उनमें से 49 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से एक मामला बलात्कार से संबंधित है। 8 उम्मीदवारों ने हत्या से संबंधित मामलों की घोषणा की है जबकि 35 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।
दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियांक खड़गे को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आयोग ने खड़गे को गुरुवार की शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने का समय दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रियांक खड़गे के खिलाफ आयोग से शिकायत की है कि उन्होंने मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। शिकायत में कहा गया है खड़गे ने 30 अप्रैल को कलाबुर्गी में चुनावी सभा में प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया। आयोग ने कहा कि इस टिप्पणी को प्रथम दृष्टया आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए जवाब मांगा गया है।