नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central government) ने आधार कार्ड सत्यापन (Aadhaar Card Verification) यानी वेरिफिकेशन को लेकर बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने निजी कंपनियों (Private Companies) को मोबाइल ऐप्स (Mobile Apps) में आधार-आधारित चेहरा सत्यापन (Face Authentication) को जोड़ने की मंजूरी दे दी है। इससे आम लोगों को सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसके लिए (swik.meity.gov.in) नाम से एक नया पोर्टल भी लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को आधार सत्यापन की सुविधा देना है, जिससे लोगों को अधिक सुविधाजनक सेवाएं मिल सकें। इस पोर्टल के जरिए कोई भी पात्र संस्था आधार सत्यापन के लिए आवेदन कर सकती है और मंजूरी मिलने के बाद इसे अपनी सेवाओं में जोड़ सकती है।
बता दें आधार (Aadhaar) भारत सरकार द्वारा जारी एक विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारतीय निवासियों के लिए बनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, आधार का उपयोग स्वैच्छिक है, लेकिन कुछ सरकारी योजनाओं और कर संबंधी सेवाओं के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। यूआईडीएआई ने आधार सत्यापन के लिए फेस ऑथेंटिकेशन और ओटीपी जैसे तरीके शुरू किए हैं।
क्या है नया नियम
सरकार ने आधार अधिनियम में संशोधन कर निजी कंपनियों को भी आधार ऑथेंटिकेशन की सुविधा देने की मंजूरी दी है। पहले सिर्फ सरकारी विभाग ही इसका उपयोग कर सकते थे। 31 जनवरी 2025 को अधिसूचित किए गए इस संशोधन के बाद अब हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स, शिक्षा, क्रेडिट रेटिंग जैसी सेवाएं आधार सत्यापन के जरिए आसान हो जाएंगी।
कैसे मिलेगा फायदा?
1. इसके आने से ग्राहकों को ई-केवाईसी, एग्जॉम रजिस्टट्रेशन और दूसरी सेवाओं के लिए बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी
2. कंपनियां कर्मचारियों की हाजिरी, ग्राहकों की पहचान और सत्यापन आसानी से कर सकेंगी।
3. इससे किसी भी समय और कहीं भी चेहरा सत्यापन के जरिए सेवाएं प्राप्त की जा सकेंगी।
बायोमेट्रिक डेटा को लॉक और अनलॉक करने की सुविधा
यूआईडीएआई ने आधार कार्ड के साथ वर्चुअल आईडी (VID) जारी की है, जिसका उपयोग आधार नंबर को साझा किए बिना पहचान सत्यापन के लिए किया जा सकता है। यूआईडीएआई ने आधार धारकों को अपने बायोमेट्रिक डेटा को लॉक और अनलॉक करने की सुविधा दी है, जिससे सुरक्षा बढ़ती है।