नई दिल्ली: विपक्षी एकता पर आप यानी आम आदमी पार्टी (AAP) ने रूख एकदम स्पष्ट कर दिया है। आप ने कांग्रेस के सामने दो शर्तें रख दी हैं। AAP ने कहा कि अगर कांग्रेस संसद में दिल्ली अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तो वह विपक्ष का हिस्सा नहीं बनेगी। दूसरी तरफ आप प्रवक्ता ने कहा कि देश को बचाने के लिए तीसरी बार राहुल गांधी को नेता के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करना चाहिए।
एकजुटता को लेकर AAP का सीधा जवाब
पटना में 23 जून को विपक्षी महागठबंधन पर बैठक की गई थी। उसमें AAP प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी शामिल हुए थे। लेकिन, कांग्रेस को लेकर आप का रूख सख्त है। AAP नेता संयुक्त बयान के लिए पटना बैठक में नहीं रुके और दोपहर के भोजन के बाद वापस दिल्ली चले गए। AAP ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर AAP का समर्थन नहीं करती है तो कांग्रेस के साथ कोई भी गठबंधन करना बहुत मुश्किल होगा।
Rahul Gandhi पर न लगाएं दांव: AAP
AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कर (Priyanka Kakkar) ने कहा कि अगर देश को बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले कांग्रेस को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह तीसरी बार राहुल गांधी पर दांव नहीं लगाएगी और विपक्ष को ऐसा करने पर मजबूर नहीं करेगी। देश के हित में यह संविधान को बचाने से भी अधिक महत्वपूर्ण है।