नईदिल्ली: अदाणी ग्रुप, अगले 10 साल में 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा. ग्रुप के CFO ने ये जानकारी देते हुए कहा कि अदाणी ग्रुप, देश में सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेयर के तौर पर अपनी जगह मजबूत करने के लिए ये योजना बना रहा है.एक इंडस्ट्री इवेंट में बात करते हुए ग्रुप के CFO, जुगेशिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ग्रुप की क्षमता 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की है लेकिन अच्छे वेंडर्स की कमी की वजह से इतना बड़ा निवेश करने में बाधा आ रही है.
फंड जुटाने की योजनाएं
ग्रुप के CFO के मुताबिक, अदाणी ग्रुप की 6 कंपनियां मेगा इन्वेस्टमेंट के लिए बॉन्ड मार्केट के जरिए फंड जुटाएंगी. उन्होंने कहा कि ये कंपनियां कुल फंडिंग का 80% ग्लोबल कैपिटल मार्केट में डेट इश्यू के जरिए जुटाएंगी और बाकी का 20% घरेलू मार्केट से जुटाएंगी. अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी, अदाणी एंटरप्राइजेज ने अब तक माइनिंग, एयरपोर्ट, डिफेंस, एयरोस्पेस, सोलर मैन्युफैक्चरिंग, सड़क, मेट्रो और रेल, खाद्य तेल और फूड, एग्रो, डेटा सेंटर्स और रिसोर्स मैनेजमेंट में कई अहम इंफ्रास्ट्रकर एसेट बनाए हैं.
कंपनी की तरफ से जारी प्रजेंटेशन के मुताबिक, ग्रुप के पोर्ट कारोबार से जुड़ी कंपनी अदाणी पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 2023 में तीन गुना ग्रोथ दर्ज की है, कंपनी के भारतीय पोर्ट कारोबार में EBITDA मार्जिन 70% का रहा है.अदाणी ग्रुप की रिन्युएबल कारोबार से जुड़ी कंपनी, अदाणी रिन्युएबल ने भी इस वित्त वर्ष (2023) के दौरान 4 गुना ग्रोथ दर्ज की है और इसका EBITDA मार्जिन 92% रहा है. अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने भी पिछले वित्त वर्ष में 3 गुना ग्रोथ दर्ज की है.
इस वर्ष जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में अडानी समूह पर हेराफेरी कर शेयरों को भगाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट जारी किया था. जिसके बाद अडानी समूह के स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन इन आरोपों के चलते अडानी समूह की छवि से लेकर ग्रुप के लिस्टेड स्टॉक्स के मार्केट कैप में भारी कमी आ गई थी. अफनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को भी वापस लेना पड़ा था. इन आरोपों से ग्रुप की छवि को जो धक्का लगा है उसके बाद अडानी समूह नुकसान की भरपाई करने के लिए बड़ी निवेश करने की रणनीति तैयार की है.
हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. अदालत ने शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी को जांच करने के आदेश दिए. सेबी ने कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. सेबी ने कोर्ट को बताया कि कि उसे जांच पूरी करने करने के लिए और समय की आवश्यकता नहीं है. इस खबर के सामने आने के बाद मंगलवार 28 नवंबर को अडानी समूह के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली थी. एक ही दिन समूह के मार्केट कैप में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का उछाल देखने को मिला था जो कि जनवरी 2023 के बाद सबसे अधिक थी.
जुलाई 2023 में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने पोर्ट्स, एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस के बड़े पैमाने पर विस्तार करने का ऐलान किया था. अडानी समूह को सबसे बड़ी राहत तब मिली जब अमेरिकी सरकार की डेवलपमेंट एजेंसी ने श्रीलंका में अडानी समूह के पोर्ट प्रोजेक्ट में वित्तीय मदद देने की घोषणा की थी.