अडानी ने तांबा खरीदने के लिए किया बड़ा सौदा, अगले महीने शुरू हो रहा यह प्लांट

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नई दिल्‍ली : गौतम अडानी समूह ने प्रति वर्ष 1.6 मिलियन टन कॉपर यानी तांबा खरीदने के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इसकी जानकारी अडानी नेचुरल रिसोर्सेज के सीईओ विनय प्रकाश ने दी। उन्होंने बताया कि यह डील अगले महीने इंडस्ट्रियल मेटल के लिए शुरू हो रहे दुनिया के सबसे बड़े सिंगल लोकेशन स्मेल्टर की जरूरत को देखते हुए की गई है। दरअसल, अडानी समूह का कॉपर प्लांट गुजरात के मुंद्रा में स्थिति है। यह प्लांट अगले महीने यानी मार्च से ऑपरेशनल हो जाएगा। 1.2 अरब डॉलर की लागत वाले इस प्लांट के पहले चरण की कैपिसिटी 5,00,000 टन की है।

अडानी नेचुरल रिसोर्सेज के सीईओ के मुताबिक दशक के अंत तक भारतीय कॉपर की मांग दोगुनी होने का अनुमान है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मार्च 2029 तक तांबे की खरीदारी को 1 मिलियन टन तक बढ़ाया जाएगा। विनय प्रकाश ने आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर स्मेल्टर और रिफाइनर उत्पादन में कटौती की आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा-हमारे प्लांट में कम लागत वाले उत्पाद होंगगे और इससे हमें बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी।

अडानी के इस प्लांट से आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने और एनर्जी बदलाव में मदद मिलेगी। प्लांट मार्च, 2029 तक पूर्ण पैमाने पर 10 लाख टन क्षमता के साथ परिचालन शुरू करेगा। चीन और अन्य देशों की तरह भारत भी तांबे का उत्पादन तेजी से बढ़ा रहा है, जो जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण धातु है।

ऊर्जा बदलाव के लिए महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग, सौर फोटोवोल्टिक (पीवी), विंड एनर्जी और बैटरी सभी में तांबे की जरूरत होती है। बता दें कि अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की सब्सिडयरी कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड (केसीएल) इस प्लांट की स्थापना कर रही है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में प्रति व्यक्ति कॉपर की खपत 600 ग्राम है, जबकि वैश्विक औसत 3.2 किलोग्राम है।

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