प्रयागराज: प्रयागराज में जनवरी 2025 से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मेला प्रशासन तैयारियों में लगा है. इसी को लेकर उत्तर प्रदेश आपदा प्राधिकरण ने दो दिवसीय वर्कशॉप आयोजित किया. इसमें महाकुंभ में लगे अलग-अलग विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाया गया और उनसे तैयारियों की जानकारी ली गई. इस एक्सरसाइज में बताया गया कि पहले तो बेहतर मैनेजमेंट के जरिए किस तरह से आपदा को रोकना है, लेकिन अगर आपदा की कोई स्थिति आती है तो सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचाकर किस तरह से हिफाजत करनी है.
कुंभ को लेकर अलग-अलग विभागों में एक साथ समन्वय बना कर उन्हें ट्रेनिंग देने का काम उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से किया जा रहा है. प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी खुद ही सरकारी विभागों के साथ वॉलिंटियर्स को ट्रेनिंग देने का काम कर रहे हैं. इसमें गूगल मैप और वीडियो फिल्म के जरिए मेला क्षेत्र की हकीकत से रूबरू के बारे में बताया जा रहा है और आपदा को किस तरह से रोका जा सकता है उसकी तैयारी की जा रही है.प्रयागराज के कुम्भ मेला के लिए उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी विभागों को एक साथ बुलाकर टेबलटॉप एक्सरसाइज कराई गई. एक्सरसाइज में महाकुंभ से जुड़े हर विभाग के बड़े अधिकारी शामिल हुए और मेला में सेक्टर वाइज बने अधिकारियों से आपदा से निपटने के लिए उनके द्वारा की जा रही तैयारियों का जायजा लिया गया.
टेबलटॉप एक्सरसाइज़ को तीन सत्र में आयोजित किया गया. पहले सत्र में मेला क्षेत्र में पैदल एवं वाहन यातायात, आवश्यक सेवाएं, अन्य व्यवस्थाएं की स्थिति पर चर्चा की गई. दूसरे सत्र में मेला क्षेत्र के बाहर जनपद प्रयागराज की मुख्य सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैन्ड इत्यादि में भीड़ प्रबंधन पर चर्चा की गई और तीसरे सत्र में मेला क्षेत्र के अंतर्गत अग्निशमन, डूबने और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम की संभावित स्थितियों पर विभागों की योजनाओं और प्रतिक्रियाओं पर चर्चा हुई. प्रयागराज के कुंभ मेला पुलिस लाइन मे टेबल टॉप एक्सरसाइज में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ पुलिस विभाग के साथ-साथ रेलवे,अग्निशमन विभाग के अधिकारी शामिल हुए. आपको बता दें कि कुंभ मेला 2025 के लिए अब तक की इसे सबसे बड़ी एक्सरसाइज माना जा रहा है.
दो दिवसीय टेबल टॉप एक्सरसाइज समाप्त हो गई. वहीं अब कुछ दिनों बाद फील्ड पर उतरकर मार्क ड्रिल किया जाएगा. आपदा प्रबंधन विभाग किसी प्रकार से कोई लूप होल नहीं छोड़ना चाहता है. वहीं इसको लेकर बैठकों का दौर जारी है और प्रतिदिन जगह-जगह पर बैठक की जा रही है. जिससे कि अगर कोई आपदा होती है तो उसे फौरन निपटा जा सके.महाकुंभ प्रबंधन के लिए डिजिटल तकनीक का महत्वपूर्ण उपयोग किया गया है. भीड़ प्रबंधन के लिए 2500 कैमरा, डिजिटल कम्यूनिकेशन, चैट बोट, इंटीग्रेटेड कंट्रोल और AI तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं अब 24 दिसम्बर को मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में मॉक एक्सरसाइज़ किया जाएगा.