नई दिल्ली : पाकिस्तान की कंगाल हालत पर कई बार अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी तंज कस चुकी है। वहीं पाकिस्तान की सेना (Army) की हालत भी खस्ता है। इसे लेकर भी अब तालिबान काफी मजाक (Joke) उड़ा रहा है। तालिबान ने तो पाकिस्तान की सेना की ताकत पर ही सवालिया निशान उठा दिया है। तालिबान ने कहा कि उसे पाकिस्तान की सेना की ताकत पर संदेह है। तालिबान लगातार पाकिस्तान के हुक्मरानों और उनकी सेना की नाकामयाबी पर सवाल उठाते रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान की ओर से पाकिस्तान तालिबान यानी टीटीपी को पालने पोसने और शह देने के लिए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर आरोप लगाया जाता रहा है। इस पर अफगानिस्तान ने कई बार दो टूक जवाब दिया है। इसी बीच एक बार फिर तालिबान ने पाकिस्तान पर सवाल उठाए हैं और पाकिस्तान की सेना की ताकत पर संदेह जताया है।
हाल ही में तालिबान का यह बयान तब आया है, जब पाकिस्तान ने अपने देश में हाल में हुए दो आतंकवादी हमलों के लिए अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को जिम्मेदार बताया है। तालिबान के सेना प्रमुख फसीहुद्दीन फितरत ने रविवार को कहा कि इस्लामाबाद की अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने की क्षमता संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हर हमले के लिए अफगानिस्तान पर उंगली उठाता है, यह उसकी आदत बन चुकी है।
फितरत ने पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान अपनी धरती पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान को सुझाव देते हुए कहा कि इस्लामाबाद को अपना ध्यान अपनी सीमाओं के भीतर विरोधियों की पहचान करने पर केंद्रित करना चाहिए। पिछले हफ्ते ही, पाकिस्तानी मीडिया ने अफगान क्षेत्र के भीतर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के एक प्रमुख कमांडर हाफिज गुल बहादुर को निशाना बनाकर किए गए पाकिस्तानी हवाई हमले की सूचना दी थी। इस हमले को लेकर तालिबान भड़का हुआ है।
फितरत ने रविवार को अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की मौजूदगी से सख्ती से इनकार किया। उन्होंने आईएसआईएस के नाम पर हो रहे आतंकवादी हमलों के पीछे विदेशी खुफिया एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया। तालिबान का दावा है कि अफगानिस्तान में आईएसआईएस का वजूद नहीं है। वह अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी आतंकवादी समूह को करने की इजाजत नहीं देगा। तालिबान ने यह भी कहा है कि वह पूरे देश में कई नई नीतियों को लागू करने जा रहा है, जिससे लोगों को गुरबत से निकलने में मदद मिलेगी।
तालिबान के रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, 35 व्यक्तियों को उनके रैंक के सर्वोच्च जनरल पद पर पदोन्नत किया गया है। तालिबान ने घोषणा की है कि रक्षा मंत्रालय को तालिबान की सेना में भर्ती के लिए 170,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।