नईदिल्ली: महरौली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब अमील पूनावाला का नार्को टेस्ट गुरुवार को दिल्ली के रोहिणी स्थित आंबेडकर अस्पताल में हुआ. डॉक्टर्स की राय के मुताबिक उसे 2 या 3 दिन ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद पोस्ट नार्को टेस्ट के लिए FSL रोहिणी लाया जाएगा. आंबेडकर अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर नवीन के मुताबिक करीब 2 घंटे तक आफताब का नार्को टेस्ट चला. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान एक मजिस्ट्रेट भी वहां मौजूद थे. आरोपी की हेल्थ कंडीशन एकदम ठीक है, उसे अस्पताल से तुरंत डिस्चार्ज कर दिया गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस आफताब को लेकर तिहाड़ जेल पहुंची.
एफएसएल के अधिकारी संजीव गुप्ता ने बताया कि आफताब ने नार्को टेस्ट के दौरान श्रद्धा की हत्या को अंजाम देने की बात कबूल की। करीब दो घंटे चले नार्को टेस्ट में आफताब ने बताया कि उसने हत्या श्रद्धा के कपड़े और मोबाइल कहां फेंके। इसके साथ ही आफताब ने ये भी बता दिया कि उसने श्रद्धा के शव के टुकड़ करने के लिए कौन से हथियार का इस्तेमाल किया और उसे कहां फेंका।
आफताब के कबूलनामे की निर्णायक वैधता नहीं
इस मामले में एक्सपर्ट्स ने कहा कि आरोपी आफताब के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान समेत कथित ‘कबूलनामों’ की कोई निर्णायक कानूनी वैधता नहीं है। पुलिस और अन्य आधिकारिक सूत्रों ने हालांकि, यह दावा किया है कि पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या करने तथा उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करने की बात कबूल कर ली है लेकिन उसके वकील ने कहा कि पूनावाला ने इससे इनकार किया कि उसने जुर्म कबूला है। कानूनी विशेषज्ञों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एक मजिस्ट्रेट के समक्ष किए गए पूनावाला के कबूलनामे पर भी सवाल उठाया और इसे आपत्तिजनक तथा अभूतपूर्व बताया।
दो दिन के भीतर पेश होगी रिपोर्ट
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के एक सूत्र ने कहा- आफताब की पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट दो दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाएगी। नार्को टेस्ट के बाद अभियुक्त द्वारा अपेक्षित उत्तर नहीं मिलने पर यह जांचकर्ताओं पर निर्भर है कि वह ब्रेन मैपिंग की मांग करें। एक अधिकारी ने कहा, पॉलीग्राफ रिपोर्ट में आफताब से पूछे गए सभी सवाल और उस पर उनके जवाब होंगे। हर जवाब के लिए, एफएसएल अधिकारी रीडिंग के आधार पर अपनी राय साझा करेंगे कि आफताब ने सच्च बोला या झूठ। इससे पहले मंगलवार को एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को आफताब का 1-5 दिसंबर को नार्को टेस्ट कराने की इजाजत दी थी। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट अनिवार्य है, क्योंकि आफताब पूछताछ के दौरान गुमराह करने की कोशिश करता रहा।
क्या होता है नार्को टेस्ट?
नार्को, जिसे सत्य सीरम के रूप में भी जाना जाता है, में एक दवा का अंत:शिरा शामिल होता है (जैसे सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम अमाइटल)। इसमें व्यक्ति संवेदनहीनता के विभिन्न चरणों में प्रवेश करता है। सम्मोहक अवस्था में, व्यक्ति कम संकोची हो जाता है और जानकारी प्रकट करने की अधिक संभावना होती है, जो आमतौर पर सचेत अवस्था में प्रकट नहीं होती।