नई दिल्ली : महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद कई बीमारियां घेरना शुरु कर देती हैं. इनमें से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. 40 साल के बाद महिला मेनोपॉज के करीब होती है और इसी वजह से शरीर में कई तरह की कमी आने लगती है. स्वास्थ्य (Health ) के लिहाज से महिलाओं को 40 साल के बाद सावधान रहने की जरूरत है. यहां कुछ समस्याएं हैं जिनका महिलाओं को सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं समय रहते छोटी से छोटी परेशानी को भी नजरअंदाज न करें. टाइम पर टेस्ट कराने से बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है. इस आर्टिकल में बताएंगे महिलाओं को बीमारी के संकेत को इग्नोर नहीं करना चाहिए.
गुर्दे की पथरी वास्तव में पथरी नहीं होती बल्कि यूरिन के रास्ते में पथरी जमा हो जाती है, ये बहुत दर्दनाक होते हैं और एक उम्र के रूप में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि अन्य कारण भी गुर्दे की पथरी को बढ़ावा देते हैं. ज्यादातर यह माना जाता है कि गुर्दे की पथरी पुरुषों में आम होती है, लेकिन यह महिलाओं में भी देखी जाती है. पीठ में तेज दर्द, पेशाब में खून, बुखार और ठंड लगना, उल्टी, पेशाब से दुर्गंध आना और पेशाब के दौरान जलन महसूस होना गुर्दे की पथरी के कुछ चेतावनी संकेत हैं.
ज्यादातर महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद गठिया यानि आर्थराइटिस की समस्या होने लगती हैं. जोड़ों में दर्द, जकड़न होती है. अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है.
हालांकि इन दिनों युवा लोगों में भी डायबिटीज की शुरुआत देखी जा रही है, लेकिन 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं में मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है. थकान, अत्यधिक प्यास, बढ़ा हुआ पेशाब, धुंधली दृष्टि, वजन कम होना, कोमल मसूड़े महिलाओं में मधुमेह के कुछ लक्षण हैं.
40 साल की उम्र के बाद हड्डिया कमजोर हो जाती है. हार्मोंस में बदलाव के कारण शरीर की संरचना भी बहुत प्रभावित होती है. महिलाओं को हमेशा अपने कैल्शियम सेवन और विटामिन डी के स्तर का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है ताकि हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे. जोड़ों में पुराना दर्द, भंगुर हड्डियां खराब होने के कुछ लक्षण हैं.
उम्र बढ़ने के कारण यूरिन करने में मदद करने वाली नसें कमजोर हो जाती हैं. साथ ही उम्र बढ़ने के साथ मूत्राशय की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं और अपनी लोच खो देती हैं. इससे व्यक्ति का यूरिन पर नियंत्रण नहीं रह पाता. यूरिन की समस्या तब होती है जब व्यक्ति खांसी और छींक के दौरान भी पेशाब को रोक नहीं पाता है.
महिलाओं को चालीस साल की उम्र के बाद नियमित रुप से टेस्ट कराने चाहिए. अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा उम्र की महिलाओं में होता हैं, इसके लिए आप ब्रेस्ट टेस्ट कराएं. साथ ही उम्र बढ़ने से ब्लड प्रेशर का हाई या डाउन होना भी कोई आम बात नहीं है, इसीलिए अपने आहार में हेल्दी चीजें शामिल करें. रोजाना एक्सरसाइज करें, अगर आप नियमित रुप से वर्कआउट करती हैं तो ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. इसीलिए चालीस साल की उम्र के बाद महिलाओं को बीपी चेक कराना चाहिए. अगर आपका बिना वजह वजन बढ़ रहा हैं या फिर बाल झड़ रहे हैं तो थायरॉइड टेस्ट कराएं. डाइट में हरी सब्जियों को शामिल करें और सुबह उठकर एक गिलास पानी जरूर पिएं.