नई दिल्ली: भारत परंपराओं का देश है, जहां शादी को बहुत बड़ा संस्कार माना जाता है, जिसके लिए पूरी दुनिया में रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. यहां की हर परंपरा का कुछ न कुछ अर्थ होता है. सभी रस्मों में सबसे लोकप्रिय है हल्दी का प्रयोग. हल्दी के बिना कोई भी शादी पूरी नहीं होती, यहां हल्दी का इस्तेमाल बेहद पवित्र माना जाता है. कहते हैं अगर आप कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो सबसे पहले लोग हल्दी का स्पर्श करते हैं, शादी के बंधन में बंधने से पहले लड़के-लड़कियों के लिए हल्दी की रस्म होती है.
हिंदू धर्म में हल्दी की रस्म का विशेष महत्व है. इस हल्दी रस्म के बिना शादी अधूरी मानी जाती है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. अब हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि शादी के समय हल्दी क्यों लगाई जाती है और इसका क्या महत्व है.
पुराने जमाने में ब्यूटी पार्लर जैसी कोई चीज नहीं होती थी, इसके लिए हल्दी का इस्तेमाल दूल्हा-दुल्हन को खूबसूरत दिखाने के लिए किया जाता था. हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो हमारी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं. हल्दी के प्रयोग से चेहरे की त्वचा में निखार आता है और चमक भी बढ़ती है. क्योंकि शादी के अंदर दूल्हा-दुल्हन बेहद खास होते हैं इसलिए उनके चेहरे पर खास तौर पर हल्दी लगाई जाती है. इसके अलावा हाथों और पैरों पर हल्दी भी लगाई जाती है ताकि शादी के अंदर दूल्हा-दुल्हन बेहद खूबसूरत दिख सकें.
हल्दी को चेहरे पर लगाने से चेहरे पर मौजूद किसी भी तरह के दाग-धब्बे खत्म होने लगते हैं और चेहरे की प्राकृतिक चमक बढ़ने लगती है. अगर आपको किसी कारण से कोई चोट या बीमारी है तो वह भी हल्दी के प्रयोग से ठीक हो जाती है, हल्दी के नियमित प्रयोग से आपकी त्वचा के अंदर मौजूद मृत कोशिकाएं धीरे-धीरे बाहर निकलने लगती हैं, जिससे आपकी त्वचा की सुंदरता और सुंदरता में निखार आता है. आपकी त्वचा दोगुनी हो जाती है. तीव्र गति से बढ़ने लगता है. हल्दी का रंग पीला होता है और हमारे समाज में इस रंग का बहुत महत्व माना जाता है. सुंदर रंग के कारण नव जोड़े को हल्दी लगाई जाती है ताकि उनके जीवन की शुरुआत बेहद खूबसूरत हो.