नई दिल्ली। आपने आज तक दूध तो खूब किया होगा. इसके अलावा दूध की चाय, दूध की कॉफी, दही, मक्खन आदि ना जाने कितनी दूध से बनी चीजें आप रोजाना खाते होंगे. लेकिन इतने सालों से दूध का इस्तेमाल करते हुए कभी आपने इस बात पर गौर किया की आखिर दूध का रंग सफेद ही क्यों होता है? इसके अलावा कभी यह सोचा है कि आखिर दुनिया भर के सभी जानवरों का दूध सफेद रंग की ही क्यों होता है? अगर नहीं, तो कोई बात नहीं. आर अपने दिमाग पर ज्यादा जोर ना डालें. आज हम आपको इसके पीछे की बेहद खास वजह के बारे में बताएंगे.
जो लोग रोजाना किसी ना किसी वजह से दूध का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बता दें कि दूध में एक प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है, जिसे कैसिन कहा जाता है. इसी कैसिन के कारण ही दूध का रंग सफेद होता है. दरअसल, कैसिन दूध में मौजूद कैल्शियम और फॉस्फेट के साथ मिलकर छोटे-छोटे कण बनाता है और इन्हीं कणों को मिसेल कहा जाता है. जब लाइट इन मिसेल पर पड़ती है, तो वह रिफलेक्ट होकर बिखर जाती है और उसी रिफ्लेक्शन के कारण हमें दूध का रंग सफेद दिखाई देता है. इसके अलावा दूध में मौजूदा फैट भी इसके सफेद होने का एक अहम कारण है.
आप अगर गांव-देहात में रहते हैं या फिर शहरों में रहकर भी गाय या भैंस का दूध खरीदते हैं, तो आपने गौर किया होगा कि गाय के दूध का रंग भैंस के दूध के मुकाबले थोड़ा पीला होता है. यही कारण है कि गाय का दूध भैंस के दूध के मुकाबले थोड़ा पतला भी होता. अब ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गाय के दूध में फैट की मात्रा कम होती है. इसके अलावा इसमें कैसिन की मात्रा भी कम होती है, जिसकी वजह से गाय का दूध हल्का पीला दिखाई देता है.