नई दिल्ली: इस साल के 5 नवंबर महीने में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला होने वाला है। रूस और यूक्रेन युद्ध में अमेरिका ने खुलकर यूक्रेन का साथ दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ आर्थिक और सैन्य मदद भी दी।
सबसे बड़ा सवाल है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो अमेरिका के जरिए यूक्रेन को मिलने वाली मदद पर ब्रेक लग जाएगी। दरअसल, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने दावा किया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बैठक के दौरान उनसे कहा था कि वह यूक्रेन में युद्ध के लिए ‘एक पैसा’ भी नहीं देंगे। हंगरी के प्रधानमंत्री के दावे पर ट्रंप की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। विक्टर ओर्बन अपने दोस्त ट्रंप से मिलने शुक्रवार को फ्लोरिडा गए थे।
ओर्बन ने कहा, “उनका दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है। वो वह यूक्रेन-रूस युद्ध में एक पैसा भी नहीं देंगे, जिसकी वजह से युद्ध समाप्त हो जाएगा, क्योंकि यूक्रेन बिना अमेरिका की मदद से युद्ध नहीं लड़ सकता है। अकेले यूरोपीय इस युद्ध का वित्तपोषण नहीं कर पाएंगे ट्रंप ने पहले पुतिन के प्रति प्रशंसा व्यक्त की थी और कहा था कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए तो वह 24 घंटों में यूक्रेन में युद्ध समाप्त कर देंगे।
नाटो प्रमुख स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन को सफेद झंडे की नहीं, हथियारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर हम बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, तो वहां पहुंचने का रास्ता यूक्रेन को सैन्य सहायता है। दरअसल, कुछ दिनों पहले पोप फ्रांसिस ने यूक्रेन से सफेद झंडा उठाने यानी युद्ध समाप्त करने का आह्वान किया था।