नई दिल्ली : दिल्ली में बीते कई सालों से एयर पलूशन टेंशन (tension) दे रहा है। कई बार AQI का लेवल 500 के पार पहुंचता है और दिवाली के आसपास राजधानी में सांसों का संकट गहरा हो जाता है। लेकिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कई सालों से एयर पलूशन बढ़ रहा है। इस साल तो वहां कई दिन काफी खराब AQI रहा, जहां आमतौर पर हवा साफ ही रहती है। ऐसे में महाराष्ट्र से लेकर केंद्र सरकार तक ऐक्टिव हो गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से जल्दी ही मुंबई में एक टीम भेजी जाएगी, जो वहां वायु पलूशन की स्थिति को समझेगी और उससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों का जायजा लेगी।
मोदी सरकार की ओर से पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार को एक लेटर भेजा गया था, जिसमें उसने राज्य से पूछा था कि पलूशन से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए। सितंबर और अक्टूबर के महीने में मुंबई की एयर क्वॉलिटी काफी खराब रही है। यहां आमतौर पर AQI 100 से कम ही रहा करता था, लेकिन पिछले दिनों यह आंकड़ा 150 से 200 तक पहुंच गया। इसके चलते मुंबइकरों को भी सेहत की चिंता सताने लगी है। खासतौर पर सांस की बीमारी वाले मरीजों, हार्ट के मरीजों को परेशानी आती है।
मुंबई की खराब एयर क्वॉलिटी को देखते हुए पिछले दिनों बीएमसी ने कुछ कदम भी उठाए थे। बीएमसी ने बिल्डर्स और ठेकेदारों को नोटिस भेजे हैं। उनसे बेहद जरूरी कामों के अलावा निर्माण कार्यों को रोकने के लिए कहा गया है। यही नहीं एयर पलूशन कंट्रोल के नियमों का पालन न करने के लिए गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी को भी नोटिस थमाया गया है। मुंबई में इस साल 2022 की तुलना में AQI का लेवल 42 फीसदी तक बढ़ गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हवा में पाए जाने वाले पीएम 2.5 पार्टिकल्स फेफड़ों में जाकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एयर क्वॉलिटी में सुधार के लिए बीएमसी ने शहर की 350 सरकारी बसों में एयर फिल्टर लगवाए हैं। इसके अलावा वर्चुअल चिमनी भी जाम वाली जगहों पर लगवाई हैं। वहीं जगह-जगह पर पानी का छिड़काव करने के लिए भी 30 गाड़ियां तैनात की गई हैं। औद्योगिक इकाइयों को भी कहा गया है कि वे चिमनियों की ऊंचाई को थोड़ा बढ़ा लें। गौरतलब है कि इस बीच दिल्ली में संकट गहरा है। सोमवार को तो लगातार ऐसा 5वां दिन है, जब एक्यूआई का लेवल 500 से ऊपर चला गया है।