गुजरात के बाद बिपरजॉय का दिल्ली-MP और राजस्थान में क्या पड़ेगा असर? IMD की चेतावनी

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नई दिल्ली: चक्रवात तूफान बिपरजॉय गुरुवार शाम को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पोर्ट पर पहुंचा। यहां जबरदस्त लैंडफॉल हुआ। स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, महातूफान की तबाही का आलम यह था कि 150-200 बिजली के खंभे गिरे, 6 बिजली उपकेंद्र बंद हो गए। 940 गांवों की बिजली गुम हो गई। चक्रवात की वजह से कम से कम 180-200 पेड़ उखड़ गए। ‘चाबुक’ जैसी तेज बारिश के बीच भावनगर में एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई। अब महातूफान गुजरात में तबाही मचाने के बाद दक्षिण राजस्थान की तरफ आगे बढ़ रहा है। इस चक्रवाती तूफान का दिल्ली, मध्यप्रदेश और राजस्थान पर क्या असर पड़ेगा? भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है।

महातूफान बिपरजॉय की गुजरात की विनाशलीला से हालात ये हो गए कि तटीय इलाकों पर लैंडफॉल के बाद आईएमडी ने कई राज्यों को चेतावनी जारी की है। चक्रवात के चलते हवाएं अभी भी 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। चक्रवात के खतरे को देखते हुए गुजरात के स्थानीय प्रशासन ने 74 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। अभी भी लोगों से घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर में 10 दिनों से चल रहे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय बेहद शक्तिशाली हो चुका है, जिसने गुरुवार की शाम से पूरी रात सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कई हिस्सों में बर्बादी मचाई।

गुजरात के तटीय इलाकों में बिपरजॉय की बर्बादी का आलम यह था 150 से 200 बिजली के खंभे गिर गए, 6 बिजली उपकेंद्र बंद हो गए। नतीजन 940 गांवों की बिजली गुम गई। 180 से 200 पेड़ उखड़ गए। चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से रेलवे, ओवरहेड बिजली लाइनें, सिग्नलिंग सिस्टम बाधित हो सकते हैं, जबकि राज्य में फसलों, वृक्षारोपण और बागों को भारी नुकसान की आशंका है। पूर्व मध्य और इससे सटे पश्चिम मध्य अरब सागर में मछली पकड़ने का संचालन गुरुवार तक के लिए निलंबित कर दिया गया था। अभी भी घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।

गुजरात सरकार ने सौराष्ट्र और कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों के तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने का काम किया है। मई 2021 में ‘तौकते’ के बाद दो साल में राज्य में आने वाला यह दूसरा चक्रवात है। हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने गुरुवार शाम 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजरात के तटीय इलाकों में तबाही मचाई लेकिन, अब शुक्रवार से वह दक्षिण राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है और इसके अब कमजोर होने की संभावना है। आईएमडी का पूर्वानुमान है कि पाकिस्तान और आसपास के पश्चिमी क्षेत्रों में सक्रिय शुष्क हवाओं के कारण चक्रवात तुरंत कमजोर हो जाएगा।

बिपरजॉय का अन्य राज्यों पर क्या असर पड़ेगा, देखते हैं-

दिल्ली
चक्रवात बिपरजॉय का दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा असर होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश संभव है। IMD का कहना है कि तूफान के चलते दिल्ली में अगले 4 दिन तक बारिश हो सकती है।

राजस्थान
मौसम विभाग के अनुसार 15 जून को चक्रवाती तूफान बिपरजोय के प्रभाव से राजस्थान के जोधपुर और उदयपुर संभाग में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना थी। 16 जून को दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 17 जून तक जोधपुर, उदयपुर और अजमेर संभाग और आसपास के इलाकों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।

मध्य प्रदेश
राज्य के शहडोल, जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों में कुछ स्थानों पर वज्रपात और बिजली गिरने की संभावना है। खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, सागर, रीवा, सतना, छतरपुर, रायसेन, भोपाल और सीहोर जिलों में तेज हवाओं के साथ आंधी आने की संभावना है। वहीं, मध्य प्रदेश के धार, बालाघाट और रतलाम जिलों में कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, सागर, झाबुआ, उज्जैन, रीवा, सतना और छतरपुर जिलों में भी इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है।

गोवा
गोवा के तटीय इलाकों में बिपरजॉय का हल्का प्रभाव देखने को मिल सकता है। यहां समुंदर में ऊंची लहर देखी गई। फिलहाल, पर्यटकों के समुद्र तटों पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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