नई दिल्ली (New Delhi)। लखनऊ में पोस्टमार्टम हाउस पर कर्मचारियों की लापरवाही से दो महिलाओं के शव बदल गये। उन्नाव की संध्या प्रजापति का शव कर्मचारियों ने मड़ियांव की संध्या त्रिवेदी के घर वालों को दे दिया। संध्या त्रिवेदी के घर वालों ने उसका अंतिम संस्कार भी बुधवार को कर दिया। वहीं संध्या प्रजापति के परिवारीजनों को जब दोपहर तक शव नहीं मिला तो उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों से पूछताछ की। तब खुलासा हुआ कि संध्या प्रजापति का शव दूसरे परिवार को दे दिया गया। इस पर हंगामा होने लगा तो चौक पुलिस पहुंची। पता चला कि संध्या प्रजापति का शव मड़ियांव में एक परिवार ले गया और उसने अंतिम संस्कार भी कर दिया है।
पूरा नाम पुकारते तो न होती गलती वहीं जब संध्या त्रिवेदी के घर वालों को पता चला कि उन्होंने किसी दूसरी युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है तो वह लोग भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गये। यहां उन्होंने शव को देखा तो उसकी शिनाख्त संध्या त्रिवेदी के रूप में की। यहां बातचीत में सामने आया कि पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने सिर्फ संध्या नाम पुकारा था। सरनेम न बोलने की वजह से यह गलती हो गई।
दोनों की मौत जहर खाने से हुई थी मड़ियांव के त्रिलोक विहार कॉलोनी निवास संध्या त्रिवेदी (27) व उन्नाव के हसनगंज निवासी संध्या प्रजापति (26) के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को होना था। दोपहर 130 बजे संध्या त्रिवेदी का भाई सुमित पेास्टमार्टम के बाद शव ले जाकर गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। दोपहर दो बजे संध्या प्रजापति के पति विपिन ने शव मिलने में देरी होने पर पूछा तो पता चला कि संध्या का शव तो परिवार वाले ले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक तो संध्या प्रजापति का शव नहीं मिला है। इसके बाद ही हंगामा शुरू हुआ। एडीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि संध्या त्रिवेदी के परिवार वालों ने गलती से संध्या प्रजापति का अंतिम संस्कार कर दिया था। इस बारे में पता चलने पर संध्या त्रिवेदी के परिवारीजन फिर से पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और बेटी का शव ले जाकर उसका भी अंतिम संस्कार कर दिया। इन लोगों ने संध्या प्रजापति की अस्थियां उनके परिवारीजनों को सौंप दी। प्रजापति परिवार शाम को उन्नाव चला गया।
हंगामे की सूचना पर एडीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव, एसीपी चौक राजकुमार सिंह व इंस्पेक्टर चौक नागेश उपाध्याय मौके पर पहुंच गए। पुलिस कर्मियो ने संध्या प्रजापति के परिवार वालों को शांत कराने का प्रयास किया पर वह दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। संध्या प्रजापति के पति विपिन कुमार ने केजीएमयू के कर्मचारियों के खिलाफ तहरीर दी। करीब चार घंटे तक हंगामा चलता रहा था।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि शव परीक्षण के लिए पार्थिव शरीर पुलिस लाती है। केजीएमयू में शव परीक्षण कर पार्थिव शरीर को पुलिस को सौंप दिया जाता है। उसके बाद समस्त कागजी कार्रवाई पुलिस व तीमारदारों के मध्य होती है। केजीएमयू की इसमें कोई भूमिका नहीं होती है।