देहरादून: बीते दिनों आए भूकंप से दुनिया के दो देश तुर्की और सीरिया कांप उठे. इन देशों में रविवार तक करीब 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. दोनों देशों की वायरल हो रही तस्वीरें दुनियाभर के लोगों का दिल दहला रही हैं. कहीं लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया, तो कहीं भूकंप के बाद परिवार में बचे हुए लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब जिंदगी कैसे जी जाएगी.
राहत-बचाव कार्य में भारत इन दोनों देशों के साथ खड़ा है. भारत सरकार ने एनडीआरएफ और मेडिकल टीमें भेजी हैं. भारत की ये टीमें लगातार रेस्क्यू अभियान में इन देशों में काम कर रही है. भारत सरकार ने इस अभियान को ‘ऑपरेशन दोस्ती’ का नाम दिया है. ‘ऑपरेशन दोस्ती’ में सबसे ज्यादा चर्चा उत्तराखंड की बेटी डॉक्टर बीना तिवारी की हो रही है. दरअसल मेजर डॉ बीना तिवारी की राहत बचाव कार्य के बाद एक तुर्की महिला के गले लगने की फोटो खूब वायरल हो रही है. उनकी बहुत सराहना की जा रही है. बुजुर्ग महिला जान बचने के बाद उन्हें गले लगाकर शुक्रिया अदा करती नजर आ रही हैं.
तुर्की-सीरिया में आए भूकंप के बाद भारत सरकार ने मदद के लिए इंडियन आर्मी, NDRF, वायु सेना और मेडिकल टीमें भेजी हैं. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली मेजर डॉ बीना तिवारी तुर्की भेजी गई 14 डॉक्टरों और 86 पैरामेडिकल आर्मी की मेडिकल टीम में एकमात्र महिला अधिकारी हैं. वो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली हैं. उनकी उम्र 28 साल है. मेजर डॉ बीना तिवारी परिवार की तीसरी जेनेरेशन की हैं, जो देश की सेवा कर रही हैं. उनके दादा भारतीय सेना में सूबेदार और उनके पिता 16 कुमाऊँ इंफेंट्री में थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, मेजर डॉ बीना तिवारी ने देहरादून से स्कूलिंग कर दिल्ली के आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस से ग्रेजुएशन किया और फिर इंडियन आर्मी के नाम ही अपनी जिंदगी कर दी. वर्तमान में मेजर डॉ बीना तिवारी कर्नल युद्धवीर सिंह की कमांड में 60 पैरा फील्ड अस्पताल में एकमात्र महिला अधिकारी के बतौर सेवा दे रही हैं. उनके पति भी एक मेडिकल ऑफिसर हैं और उनके ससुर भी सेना में ही है.
बता दें कि मेजर डॉ बीना तिवारी तुर्की-सीरिया के ऑपरेशन के अलावा नेपाल भूकंप के बाद राहत बचाव टीम और कई ऑपरेशन का हिस्सा रह चुकी हैं. देवभूमि उत्तराखंड के लिए अपनी बेटी का यूं इंसानियत और देश की सेवा कर चर्चा में आना बहुत गर्व की बात है.