महाकुंभ में भगदड़ के बाद अब बसंत पंचमी के स्नान पर फोकस, भीड़ नियंत्रण के लिए ये प्लान

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प्रयागराज नगर: महाकुंभ के पहले दो अमृत स्नान पर्वों पर पैदा हुए हालात से अब प्रशासन ने सीख ली है। मकर संक्रांति पर बैरिकेडिंग टूटने के बाद मौनी अमावस्या पर फिर बैरिकेडिंग टूटी और इस बार भगदड़ भी मच गई। दो बड़े स्नान पर्वों पर हुई घटना के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीसरे और आखिरी अमृत स्नान पर्व यानि बसंत पंचमी की है। इस परीक्षा को पूरा करने के लिए जिला और मेला प्रशासन के अफसरों ने अपने स्तर पर तैयारी की है। भीड़ नियंत्रण के लिए जोनल प्लान वसंत पंचमी पर पूरी तरह से लागू होगा। साथ ही दूसरे जिलों से समन्वय स्थापित किया जाएगा।

जैसे ही मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ेगी शहर और आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोका जाएगा। जब मेला क्षेत्र खाली हो जाएगा तभी दूसरे जिलों से धीरे-धीरे लोगों को छोड़ा जाएगा। इस प्लान को मौनी अमावस्या पर लागू किया गया, लेकिन घटना के बाद। शासन से भेजे गए पांच विशेष अधिकारी आईट्रिपलसी में बनाए गए कंट्रोल रूम और प्रयागराज जंक्शन पर बनाए गए कंट्रोल रूम में रहेंगे। इनका काम होगा कि आसपास के जिलों के अफसरों से समन्वय बनाए रखे। इसके साथ ही करीब के जिले के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो पूरा सहयोग करें।

संगम पर भीड़ के दबाव पर रहेगी नजर: संगम पर भीड़ के दबाव पर विशेष नजर रखी जाएगी। यानी रात में अगर कोई स्नान करेगा तो उसे रात में ही हटाया जाएगा। इसका अभ्यास गुरुवार को भी किया गया। गुरुवार को दोपहर के वक्त पुलिस अफसर लगातार संगम तट पर तैनात रहे। सीआरपीएफ की महिला टीम भी थी। जिन्होंने घाट पर मानव शृंखला बनाई थी। जल के भीतर किसी को भी पांच मिनट से अधिक ठहरने नहीं दिया गया। सभी को बाहर तत्काल बाहर निकाला जाता रहा। एक एसीपी रैंक के अधिकारी को तैनात रखा गया, जो लगातार घाट खाली करने की बात कह रहे थे। इसी दौरान घुड़सवार पुलिस दल आया और बीच से लोगों को हटाया। ऐसा ही वसंत पंचमी पर किया जाएगा। जिससे किसी भी समय भीड़ ठहरे नहीं।

लोगों को ऐसे निकालेंगे
संगम खाली होते ही परेड और पार्किंग में ठहरे श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे छोड़ा जाएगा। इसके बाद मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को आने दिया जाएगा। अगर संगम पर भीड़ रही तो लोगों को रामघाट और काली घाट पर स्नान कराया जाएगा। अगर श्रद्धालु अंदर आना चाहेंगे तो उन्हें दारागंज दशाश्वमेध घाट भेजा जाएगा। गंगा पथ मार्ग से अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिससे सुरक्षित होकर लोग स्नान करें और किसी भी स्थिति में कहीं भगदड़ से हालात न रहे।

हर वक्त होगी निगरानी
होल्डिंग एरिया के सीसीटीवी कैमरों पर नजर रखी जाएगी। जिससे वहां की भीड़ का अनुमान लगता रहे। एक समय में होल्डिंग एरिया में अत्याधिक भीड़ नहीं होने दी जाएगी। जिससे वहां भगदड़ के हालात हों। ऐसा होने पर होल्डिंग एरिया से लोगों को सड़क पर निकाला जाएगा। इसके बाद श्रद्धालुओं को दूसरे होल्डिंग एरिया में भेजकर घाट को खाली कराकर लोगों को आगे भेजा जाएगा। यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।

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