यूपी के इस जिले में वायरल बुखार और डेंगू के बाद एक और नई बीमारी की दस्तक: नए वायरस से डॉक्टर भी हैरान
कानपुर। शहर में वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा अभी टला नहीं है। अस्पतालों में मरीजों की भरमार और तेजी से बढ़ रहे मरीजों की संख्या के बीच अब स्वाइन फ्लू के लिए अलर्ट जारी किया गया। इससे निपटने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज में संक्रामक रोग अस्पताल में 12 बेड सुरक्षित कर लिए गए हैं।
स्वाइन फ्लू की गंभीर स्थिति के लिए दो बेड आइसीयू और दो बेड वाईपैप सुविधा युक्त होंगे। जबकि, आठ बेड सामान्य स्थिति के मरीजों के लिए सुरक्षित रहेंगे। उर्सला अस्पताल और कांशीराम चिकित्सालय में भी स्वाइन फ्लू के लिए बेड सुरक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में डेंगू के 45 नए मामले मिले। वहीं, चिकनगुनिया का एक मामला सामने आया।
एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके सिंह ने बताया कि अस्पताल में डेंगू, वायरल बुखार और चिकनगुनिया के साथ अब स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। संक्रामक रोग अस्पताल में 12 बेड आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षित किए गए हैं। इसका नोडल मेडिसिन विभाग के डा. एमपी सिंह को बनाया गया है। जिनकी देखरेख में स्वाइन फ्लू के मरीजों का इलाज किया जाएगा।
इसके साथ ही अस्पताल में स्वाइन फ्लू के लिए जरूरी दवाओं का स्टाक भी सुरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में इन दिनों सबसे ज्यादा वायरल बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, शरीर में चकत्ते, जोड़ों में दर्द के मरीज आ रहे हैं। हर दिन अस्पताल में मरीजों की संख्या और पैथोलाजी में जांच कराने वाले मरीजों की संख्या रिकार्ड बना रही है।
कई डॉक्टरों की टीम कर रही निगरानी
शहर के साथ आस-पास के कई जिलों के मरीज एलएलआर अस्पताल के बाद उर्सला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में तेजी से बढ़ रहे मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए उर्सला अस्पताल के निदेशक डा. एसपी चौधरी ने लगभग सभी डाक्टरों को वायरल बुखार के मरीजों की देखरेख में लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में इमरजेंसी वाले मरीजों की ही सर्जरी की जाएगी। वायरल बुखार के मरीजों के लिए एनवी वन और एनवी टू वार्ड को सुरक्षित किया गया है। जहां पर डाक्टरों की अतिरिक्त टीम लगाकर वायरल बुखार से ग्रसित मरीजों का इलाज प्राथमिकता पर किया जा रहा है।