जैविक उम्र या बायोलॉजिकल ऐज, हमारी कोशिकाओं और ऊतकों में उम्र से जुड़े संकेतों को दर्शाती है. हमारी बायोलॉजिकल ऐज, क्रॉनिकल ऐज के साथ-साथ नहीं बढ़ती है. नए शोध से पता चला है कि तनावपूर्ण घटनाओं के दौरान, हमारी जैविक उम्र तेजी से बढ़ती है, लेकिन उन घटनाओं के बाद यह फिर से पहले जैसी हो सकती है.
दूसरे शब्दों में समझें तो, सेल फ़ंक्शन में उम्र से संबंधी बदलावों से जुड़े जैविक मार्कर होते हैं जिन्हें मापा जा सकता है. और ये मार्कर तनाव के समय दिखाई दे सकते हैं और फिर रिकवरी के दौरान गायब हो सकते हैं.
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर, कैमिकल बायोलॉजिस्ट और मुख्य शोधकर्ता जेसी पोगनिक (Jesse Poganik) का कहना है कि जैविक उम्र के बारे में जो सोचा गया था, ये उसकी तुलना में बहुत ज़्यादा डायनैमिक है. आप बहुत गंभीर तनाव की घटनाओं के साथ जूझ सकते हैं, जो जैविक उम्र को बढ़ा सकती हैं. लेकिन यह अल्पकालिक हो सकती है. अगर तनाव कम समय के लिए है, तो उम्र को फिर से पहले जैसा किया जा सकता है.
सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित एक शोध में, शोधकर्ताओं ने चूहों और मनुष्यों में, उनकी जैविक उम्र पर बहुत ज़्यादा शारीरिक तनाव के प्रभावों की जांच की. उन्होंने डीएनए की संरचना में एपिजेनेटिक मॉडिफिकेशन्स की मात्रा तय करने के लिए डीएनए मिथाइलेशन (DNA methylation) क्लॉक का इस्तेमाल किया. डीएनए मिथाइलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां मिथाइल ग्रुप कहे जाने वाले छोटे अणुओं को डीएनए अणु की सतह पर जोड़ा जाता है. और यह कंट्रोल करने में मदद करता है कि खास जीन को कैसे और कब चालू या बंद किया जा सकता है.
शोध में टीम ने सबसे पहले चूहों में जैविक उम्र की फ्लेक्सिबिलिटी को टेस्ट किया. उन्होंने सर्जरी करके एक युवा और बूढ़े चूहों को आपसे में जोड़ दिया, ताकि उनकी रक्तधाराएं तीन महीने के लिए मर्ज हो जाएं. इससे युवा चूहे की जैविक उम्र तोजी से बढ़ी. दो महीने के लिए चूहों को अलग करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि चूहे की जो उम्र बढ़ी थी वह उलट गई थी.
इसके बाद, शोधकर्ताओं ने उन लोगों की जैविक उम्र में बदलाव की जांच की, जो या तो बड़ी सर्जरी से गुजर रहे थे, बच्चे को जन्म दे रहे थे या गंभीर रूप से COVID-19 से संक्रमित थे. इमरजेंसी सर्जरी वाले मरीज़ों के ब्लड के सैंपल में देखा गया कि उनके ऑपरेशन के 24 घंटों के अंदर जैविक उम्र में वृद्धिदेखी गई. लेकिन एक से दो सप्ताह के अंदर ही उनकी उम्र सर्जरी से पहले वाले स्तर तक पहुंच गई.
COVID-19 के संक्रमण से बच गए मरीज़ों में कुछ अलग देखने को मिला. महिलाएं दो सप्ताह के
अंदर कोविड से पहले वाली जैविक उम्र में लौट आईं, लेकिन पुरुष ठीक नहीं हुए. इसका मतलब यह है कि, जैविक उम्र के मामले में ठीक होने की समय सीमा तनाव के प्रकार और सेक्स पर निर्भर हो सकती है.
जबकि गर्भवती मिलाओं के मामले में, बच्चे के जन्म के समय महिला की जैविक उम्र में बहुत तेजी से वृद्धि हुई थी. लेकिन वह बच्चे के जन्म के छह सप्ताह के अंदर अपने पिछले स्तर पर वापस आ गई.