येरुसलम : गाजा में इस्राइल-हमास के बीच 100 दिनों से अधिक समय से युद्ध जारी है। इस संघर्ष में अब तक 25 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच फ्रांस और कतर की मध्यस्थता में गाजा (Gaza) में बंधकों और नागरिकों को मानवीय और चिकित्सा सहायता पहुंचाने की अनुमति देने के लिए समझौता हुआ है। इसके तहत लगभग 45 इस्राइली बंधकों को तत्काल दवा पहुंचाई जाएगी। इस्राइल (Israel) और फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच समझौते के लिए मध्यस्थता कराने वाले दोनों देशों ने कहा कि यह सहायता बुधवार को कतर से मिस्र के लिए रवाना होगी। इसके बाद इसे राफा सीमा से गाजा में पहुंचाया जाएगा।
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने एक बयान में कहा कि समझौते के तहत गाजा पट्टी में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को अन्य मानवीय सहायता के साथ-साथ दवा भी पहुंचाई जाएगी, जिसके बदले में गाजा में इस्राइली बंधकों को आवश्यक दवा पहुंचाई जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के अधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि इस्राइल की लगातार बमबारी के कारण गाजा में लोग खोने-पीने को तरस रहे हैं। यहां हर व्यक्ति भूखा है। इस्राइली बलों ने घेराबंदी कर क्षेत्र में सहायता की पहुंच रोक दी है।
वहीं, इस्राइली सेना में मंगलवार को गाजा के खान यूनिस में बमबारी की। जिसमें 23 फलस्तीनी मारे गए। साथ ही दर्जनों आवासीय घर तबाह हो गए। इसके अलावा इस्राइल ने नासिर और अल-अमल अस्पतालों को भी निशाना बनाया।
इस्राइल ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में गाजा में हमास के 100 रॉकेट लॉन्चरों को तबाह किया गया है। वहीं, मिस्र सीमा पर हुए आतंकी हमले में एक महिला सैनिक घायल हुई है। इस्राइली सेना ने बताया कि करीब 20 आतंकियों ने नित्जाना सीमा के पास धावा बोला। जवाबी कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए। वहीं, कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा, अब गाजा जैसा तो कुछ बचा ही नहीं है। भले ही इस्राइल ने गाजा को पूरी तरह मिटा दिया है, लेकिन ये संघर्ष तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक अलग फलस्तीन नहीं बन जाता।
अमेरिकी द्वीप प्यूर्टो रिको में चलते हुए वाहन से की गई गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई, जिससे अधिकारियों को राजमार्ग के एक हिस्से को बंद करना पड़ा। मृतकों में एक 16 वर्षीय किशोर भी है। सोमवार देर रात हुई गोलीबारी का कारण पता नहीं चला है। अधिकारियों के अनुसार यह मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित मामला हो सकता है।
सिंगापुर फुटबॉल संघ (एफएएस) के भारतीय मूल के एक पूर्व अधिकारी को संगठन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले में मंगलवार को 55 हफ्ते कैद की सजा सुनाई गई। स्ट्रेट्स टाइम्स के मुताबकि एफएएस के उप निदेशक रिकराम जीत सिंह रणधीर सिंह ने बेईमानी से संघ को 6,09,380 सिंगापुर डॉलर (4,56,000 अमेरिकी डॉलर) खर्च करने को प्रेरित किया, जिससे उसने व उसकी पत्नी आसिया किरिन ने 1,27,896 सिंगापुर डॉलर का लाभ कमाया था।