नई दिल्ली: यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के वार्ता समर्थक गुट ने त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में असम सरकार और केंद्र सरकार के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर गृह सचिव अजय भल्ला, असम के DGP जीपी सिंह एवं उल्फा ग्रुप के सदस्य उपस्थित थे. बता दें कि उल्फा से कई दौर की बातचीत हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम में उग्रवाद का संपूर्ण समाधान है. गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है. हमारा मानना है कि पूर्वोत्तर के अन्य सभी संगठनों के साथ इस तरह के शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
पूर्वोत्तर में शांति समझौता के लिए उल्फा के साथ समझौते को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गृह मंत्रालय में बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ. पूर्वोत्तर में शांति प्रयास की दिशा में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भारत सरकार का ऐतिहासिक समझौता हुआ. 40 साल में पहली बार सशस्त्र उग्रवादी संगठन उल्फा से भारत और असम सरकार के नुमाइंदे शांति समाधान समझौते मसौदे पर दस्तखत हुआ.
उल्फा यानी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के एक धड़े के 20 नेता पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में थे और भारत सरकार असम सरकार के आला अधिकारी इसे समझौते के मसौदे पर राजी करवा रहे थे. उल्फा का यह धड़ा अनूप चेतिया गुट का है. इस समझौते के बाद पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्ति की दिशा में भारत सरकार का बहुत बड़ा कदम होगा. दरअसल, 2011 से उल्फा के इस गुट ने हथियार नहीं उठाए हैं, लेकिन यह पहली बार है, जब बाकायदा एक शांति समझौते का मसौदा तैयार किया गया है और दोनों पक्षों के नुमाइंदों ने उस पर हस्ताक्षर किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कियह असम में उग्रवाद का संपूर्ण समाधान है. उल्फा के 700 कैडरों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया. यह असम के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल दिन है. राज्य और उत्तर-पूर्व में पिछले कई दशकों से हिंसा देखी जा रही है. जब से नरेंद्र मोदी आए हैं, हम पूर्वोत्तर को हिंसा मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर में 9 शांति समझौते (सीमा शांति और शांति समझौते सहित) हुए.असम के 85% इलाकों से AFSPA हटाया गया. त्रिपक्षीय समझौते से असम में हिंसा का समाधान हो सकेगा. उल्फ़ा द्वारा दशकों तक की गई हिंसा में 10,000 लोग मारे गए. सभी धाराओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.