नई दिल्ली: जब से गो फर्स्ट (go first) ने इंसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स की ओर रुख किया है और उसके हिस्से की फ्लाइट्स कैंसल हुई हैं, एयरफेयर में बेतहाशा इजाफा देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार ने सभी एयरलाइनों को थोड़ा संयम बरतने और एयर फेयर को कंट्रोल में रखने को कहा है. अधिकारियों की मानें तो सरकार एयर फेयर को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं बना रही है. अधिकारी ने कहा कि एयरलाइंस को टिकटों के लोअर और अपर लेवल में ज्यादा अंतर ना रखने को कहा है. भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते सिविल एविएशन मार्केट में से एक है और कोरोनोवायरस महामारी से काफी प्रभावित होने के बाद डॉमेस्टिक ट्रैवल में इजाफा देखने को मिला है.
कैश क्राइसिस के बाद गो फर्स्ट ने 3 मई से उड़ान बंद कर दी है. जिन रूट पर गो फर्स्ट की फ्लाइट्स थी, उन रूट्स के किराए में इजाफा हो गया है. इन रूट्स में दिल्ली-श्रीनगर और दिल्ली-पुणे शामिल हैं. इसके अलावा, गो फर्स्ट क्राइसिस के कारण कैपेसिटी में कमी ऐसे समय पर आई है जब जब डॉमेस्टिक एयर ट्रैवल अपने पीक के आसपास है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि एयरलाइनों को टिकटों के प्राइस मॉडरेशन के मामले में “संयम बरतने” और “संतुलन बनाए रखने” के लिए कहा गया है.
अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ऐसी स्थिति नहीं हो सकती है जहां सबसे कम और उच्चतम किराए के बीच एक बड़ा अंतर हो और यात्रियों को अत्यधिक किराए के मामले में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. अधिकारी ने साफ कर दिया कि एयर फेयर को कंट्रोल या रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि कैपेसिटी एक इश्यू है और उम्मीद है कि जल्द से जल्द गो फर्स्ट द्वारा उड़ानें फिर से शुरू करने से जून में पीक ट्रैवल सीजन से पहले स्थिति को कम करने में मदद मिलेगी. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में डॉमेस्टिक एयरलाइंस ने 128.88 लाख यात्रियों को उड़ाया.
जिन रूटों पर गो फर्स्ट उड़ रहा था, उनके हवाई किराए में भारी उछाल आया है. उदाहरण के लिए, दिल्ली-लेह मार्ग पर औसत एक तरफा किराया 20-28 अप्रैल की अवधि की तुलना में 3-10 मई की अवधि के दौरान 125 फीसदी बढ़कर औसतन 13,674 रुपये हो गया. यह आंकड़ा ट्रैवल पोर्टल इक्जिगो द्वारा शेयर किया गया है. वहीं समान अवधि के दौरान दिल्ली-श्रीनगर रूट पर औसत एकतरफा किराया 86 फीसदी बढ़कर 16,898 रुपये हो गया है. गो फर्स्ट वॉलेंटरी इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन कार्यवाही से गुजर रहा है. उसने 26 मई तक उड़ानें कैंसल कर दी है. इसके अलावा, इंडिगो के कई विमान प्रैट एंड व्हिटनी इंजन के इश्यू के कारण ग्राउंडेड हो गए हैं, जबकि स्पाइसजेट भी वित्तीय बाधाओं का सामना कर रही है.