पुणे (महाराष्ट्र). राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों में रोड़ा अटकाने वाले “गद्दारों” को सबक सिखाने का समय आ गया है।
चिंचवड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों की बगावत का जिक्र किया जिससे उद्धव ठाकरे नीत सरकार गिर गई थी। शिंदे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। चिंचवड़ के अलावा, पुणे जिले में कसबा सीट पर भी उपचुनाव होना है।
26 फरवरी को होने वाले ये उपचुनाव क्रमशः कसबा और चिंचवड़ से भाजपा विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के कारण कराए जा रहे हैं। पवार राकांपा सहयोगी और एमवीए उम्मीदवार नाना काटे के लिए प्रचार कर रहे थे, जिनका चिंचवड़ में मुकाबला भाजपा उम्मीदवार अश्विनी जगताप से है।
पवार ने कहा, “इन दोनों सीट को जीतकर, हमें सबको दिखाना होगा कि गद्दारों के रोकने तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार अच्छा काम कर रही थी। गद्दारों को सबक सिखाने का समय आ गया है। इसलिए ये उपचुनाव हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।”
पवार ने विधान पार्षद और राज्यसभा चुनावों में मतदान के लिए बीमार विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप को एंबुलेंस में मुंबई के विधानमंडल परिसर में ले जाने के लिए भाजपा की आलोचना की। रैली में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि एमवीए इन दो उपचुनावों को उसी तरह जीतेगा जैसे उसने हाल के विधान पार्षद चुनावों में भाजपा-बालासाहेबंची शिवसेना गठबंधन को हराया था।
उन्होंने दावा किया, “सर्वेक्षणों के अनुसार, अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं, तो एमवीए को 34 से 36 सीट और भाजपा-शिंदे गुट को केवल 12 सीट मिलेंगी।” उन्होंने “उद्योगों को दूसरे राज्यों में जाने की अनुमति देने” के लिए शिंदे नीत सरकार की आलोचना की। रैली में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले भी मौजूद थे।