नई दिल्ली : अक्षय नवमी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है और इस साल 10 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माना गया है, और मान्यता है कि वे आंवले के पेड़ में निवास करते हैं। इसी कारण इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे पूजा करना और उसकी छाया में भोजन बनाना शुभ माना जाता है। कई भक्त इस दिन ऐसा करके भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, अक्षय नवमी की तिथि 9 नवंबर 2024 की रात 10:44 बजे से शुरू होकर 10 नवंबर की रात 9:01 बजे तक रहेगी। इस दौरान भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
इस वर्ष अक्षय नवमी की पूजा के लिए 5 घंटे 25 मिनट का शुभ मुहूर्त है, जो सुबह 6:40 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है, सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक होगा। इन पावन समयों में भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना गया है, जिससे सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
अक्षय नवमी का त्यौहार शाश्वत पुण्य का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्म, जैसे दान, पूजा और सेवा, जन्म-जन्मांतर तक लाभकारी रहते हैं। आंवले के पेड़ का दान और भोजन कराने का महत्व इस दिन विशेष होता है। कहा जाता है कि इससे देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो आर्थिक समृद्धि और परिवार में खुशहाली को बढ़ावा देता है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना और अन्य धर्म-कर्म करना शुभ माना जाता है।
यह त्यौहार हिंदू धर्म में भक्ति और उदारता के गुणों को सशक्त बनाता है। इस दिन पूजा और आंवले के पेड़ की सेवा करने से सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, जो पुण्य के रूप में स्थायी लाभ प्रदान करती है।