नई दिल्ली : दुनियाभर के वैज्ञानिक एलियन की वास्तविकता को लेकर रिसर्च कर रहे हैं. कई बार तो उनके दावों पर यकीन भी नहीं होता है. अब हार्वर्ड के 2 वैज्ञानिकों का मानना है कि एलियन हमेशा से पृथ्वी पर रहे होंगे और हमारे छिपकर विकास कर रहे हैं. दोनों वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह दावा किया है. डेली मेल की खबर के अनुसार, टीम ने शोध में लिखा कि हमारे 80 प्रतिशत महासागरों के नक्शे नहीं हैं. तर्क दिया कि धरती पर इन कथित एलियन के लिए रहने की बहुत जगह हैं. यह जरूरी नहीं कि ये दूसरी दुनिया से आए हों, हो सकता है कि हमारे बीच शुरू से ही रह रहे हों. शोधकर्ताओं ने प्राचीन सभ्यताओं का भी हवाला दिया और कहा कि ये किसी भी अज्ञात सभ्यता हो सकती है, जो अभी भी छिपी हुई है.
वैज्ञानिकों ने कहा कि पृथ्वी के नीचे बहुत कुछ रहस्यमयी चीजें हैं. हो सकता है कि सैकड़ों मील नीचे एक और प्रजाति रह रही हो, जो हमसे मिलती-जुलती हो सकती है. वैज्ञानिकों ने शोध में कहा, अत्याधुनिक तकनीक से लैस ये सभ्यताएं ऐसी जगह अपना बेस बनाए हुए हो सकती हैं, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. टीम ने बताया कि ये ज्वालामुखी के नीचे, गहरे पानी के नीचे या फिर चंद्रमा के अंधेरे इलाके में लंबे समय से रह रही हो सकती हैं. चंद्रमा के अधेरे वाले एरिया का अभी तक अध्ययन नहीं किया जा सका और वहां खोज हो सकती है.
वहीं, इससे पहले रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की मासिक पत्रिका में शोधकर्ताओं ने बताया कि खगोलविदों ने ऐसे 7 तारों को पहचान की है, जिनमें रहस्यमयी ऊर्जा की जानकारी मिली है. ये तारे आकार में हमारे सूर्य के 60 प्रतिशत से 8 प्रतिशत के बीच हैं. इनसे ऊर्जा का दोहन किया जा रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये आकाशगंगा से ऊर्जा खींचकर ले जा रहे हैं. सर्वे किया तो पता चला कि 60 तारे ऐसे मिले हैं, जो किसी बड़े एलियन पावर प्लांट से घिरे हुए दिखाई दे रहे हैं. खगोलविदों का कहना है कि ये इस बात का सबूत हो सकता है कि एलियन पावर प्लांट का इस्तेमाल कर तारों से ऊर्जा ले जा रहे हैं.