‘नहीं गिराए जाएंगे फ्लैट’, 81 घर मालिकों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत, जानिए क्या है पूरा मामला?
नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्राधिकरण द्वारा 81 अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को फ्लैट खाली करने के नोटिस पर रोक लगाते हुए फ्लैट मालिकों को राहत प्रदान की। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने ये नोटिस जारी किए थे।
‘रॉयल ग्रीन अपार्टमेंट’ के फ्लैट न गिराने का आदेश
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला की पीठ ने लखनऊ महानगर स्थित ‘रॉयल ग्रीन अपार्टमेंट’ के कुछ फ्लैट मालिकों द्वारा दायर रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया। पीठ ने अपार्टमेंट को गिराने पर रोक लगा दी है।
करीब 19 साल पुराना है मामला
इससे पहले प्राधिकरण के अधिवक्ता रत्नेश चंद्र ने पीठ को बताया कि एलडीए ने 2012 की जनहित याचिका में समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश के कारण उक्त अपार्टमेंट को गिराने की कार्रवाई शुरू की है। प्राधिकरण ने करीब 19-20 साल पहले अपार्टमेंट के बिल्डरों को जारी किए गए आदेशों के अनुपालन में उक्त अपार्टमेंट को ध्वस्त करने के लिए यह पहल की थी।
LDA अधिकारियों को तय करनी होगी जवाबदेही
पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह उन एलडीए अधिकारियों की जवाबदेही तय करेगी, जो 19 साल पहले बिल्डरों को जारी किए गए ध्वस्तीकरण आदेशों का पालन करने में विफल रहे थे। पीठ का मानना था कि बिल्डरों की गलती के लिए, फ्लैट मालिकों को नुकसान नहीं उठाना चाहिए, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से फ्लैट खरीदे थे और उन्हें बिल्डरों को दिए गए नोटिस के बारे में पता नहीं था।