प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 31 जुलाई तक (By July 31) एएसआई (ASI) सर्वे पूरा करे । एएसआई ने कहा 31 जुलाई तक सर्वे पूरा हो जायेगा। हाईकोर्ट ने कहा बिना ढांचे को नुकसान पहुंचाए सर्वे किया जाए। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा एएसआई के अतिरिक्त निदेशक ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया कि सर्वेक्षण के दौरान संरचना को कोई क्षति नहीं होगी। एएसआई सर्वेक्षण कल तक नहीं होगा, कल अदालत इस मामले पर दोपहर 3.30 बजे फिर से सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला अदालत के उस आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई पर फैसला सुना दिया है , जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यह तय करने के लिए सर्वे करने का निर्देश दिया गया था कि क्या वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद एक मंदिर पर बनाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एएसआई सर्वेक्षण को बुधवार शाम 5 बजे तक रोकने के एक दिन बाद मंगलवार को मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने हाई कोर्ट का रुख किया था। समिति के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने चीफ जस्टिस दिवाकर के समक्ष मामले की शीघ्र सुनवाई की प्रार्थना करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत का आदेश बुधवार को समाप्त हो रहा है, इसलिए इस पर सुनवाई की तत्काल जरूरत है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर पक्षों को कोई आपत्ति नहीं है तो वह मामले की सुनवाई करेंगे। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि राम मंदिर मामले में, एएसआई द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया था और इसे उच्च न्यायालय के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय ने भी स्वीकार किया था।
मस्जिद वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित है और जिला अदालत में हिंदू वादियों ने यह निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण की मांग की थी कि क्या उसी स्थान पर पहले कोई मंदिर मौजूद था। इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने एएसआई को आदेश दिया कि यदि आवश्यक हो तो ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और उत्खनन जैसी तकनीकों का उपयोग कर सर्वेक्षण किया जाए। सर्वेक्षण रोकने का शीर्ष अदालत का सोमवार का आदेश तब आया जब एएसआई टीम मस्जिद परिसर के अंदर थी।