वाशिंगटन: पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI पर बैन लगाने का ऐलान किया। अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका ने इस मामले में बयान जारी कर पाकिस्तान को चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पर बैन लगाने का एक जटिल राजनीति प्रतिक्रिया है। अगर किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो यह काफी चिंताजनक होगा।
अमेरिका ने की ये अपील
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मानावाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत संवैधानिक लोकतांत्रिक सिद्धांतो को शांतिपूर्ण ढंग से बनाए रखने का हम समर्थन करते हैं। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसमें उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन लगाने जा रही है। उन्होंने कहा कि देश को सही दिशा में आगे बढ़ना है तो पीटीआई के अस्तित्व को खत्म करना बेहद जरूरी है। सूचना मंत्री ने को 9 मई के दंगे, विदेशी फंडिंग और साइफर केस का हवाला देते हुए शहबाज सरकार के इस फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि ये केस ऐसे मजबूत सबूत हैं जिनके दम पर पीटीआई को बैन किया जा सकता है। हालांकि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पास रेफर किया जाएगा।
PTI का पलटवार
पाकिस्तान सरकार के इस फैसले पर इमरान खान की पार्टी की ओर से पलटवार किया गया है। इमरान खान की पार्टी के प्रवक्ता तरार नईम हैदर पंजुथा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का जवाब देते हुए कहा कि सरकार के पास पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। तरार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जो लोग पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं, अपनी कब्र खुद खोद रहे हैं, आपको पहले ही अपनी क्रूरता के कारण लोगों ने खारिज कर दिया है।
पाकिस्तान में पहले भी पार्टियों को किया जा चुका है बैन
पाकिस्तान के 77 साल के इतिहास में पाकिस्तान आधे से ज्यादा समय समय तक अलग-अलग सैन्य शासनों का गुलाम रहा। यही वजह रही कि आज तक पाकिस्तान का कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल नहीं पूर कर सका है। बता दें कि पाकिस्तान में 1954 से लेकर अब तक पांच पार्टियों पर बैन लगाया जा चुका है। इनमें अवामी लीग, नेशनल अवामी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पाकिस्तान, जय सिंध कौमी महाज-अरिसर और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान शामिल हैं।