रूस तक पहुंचे अमेरिकी बी-52 बमवर्षक, पुतिन का बौखलाना तय

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वॉशिंगटन: अमेरिका के परमाणु हमला करने में सक्षम बी-52 स्ट्रेटोफोर्ट्रेस बमवर्षक विमान ने ब्रिटेन से उड़ान भरकर रूस के कैलिनिनग्राद के चारों ओर चक्कर लगाया है। इसे अमेरिका की उकसावे की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, नाटो (Nato) गठबंधन के कथित तौर पर इस मिशन का उद्देश्य रूस को चेतावनी देना था कि उसके सदस्य क्या करने में सक्षम हैं। इन बमवर्षक विमानों के मार्ग को यू.के. डिफेंस जर्नल ने ट्रैक किया, जिससे पता चला कि बी-52 विमानों ने ब्रिटेन से उड़ान भरी थी। इसके बाद उन्होंने रूस के लिए उड़ान भरकर कैलिनिनग्राद के चारों और चक्कर लगाया और फिर से आर.ए.एफ. फेयरफोर्ड बेस पर लौट आए।

यूरोप में अमेरिकी वायु सेना ने पुष्टि की है कि दो बी-52एच स्ट्रेटोफोर्ट्रेस विमानों ने मंगलवार को “बाल्टिक क्षेत्र” के ऊपर से उड़ान भरी और बॉम्बर टास्क फोर्स (बीटीएफ) 24-3 ऑपरेशन के हिस्से के रूप में स्पेनिश एफ-18 हॉर्नेट्स, जर्मन वायु सेना के यूरोफाइटर्स टाइफून और पोलिश एमआईजी-29 विमानों ने उनको हवाई सुरक्षा मुहैया कराई। प्रवक्ता फर्स्ट लेफ्टिनेंट जो हार्क ने द सन को बताया: “बीटीएफ 24-3 नाटो सहयोगियों और साझेदार देशों की बाल्टिक सागर क्षेत्र को स्थिर और समृद्ध बनाए रखने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता का प्रदर्शन है।

उन्होंने कहा, “यह संभावित विरोधियों को एक कड़ा संदेश भेजता है, आक्रामकता को रोकता है, स्थिरता को बढ़ाता है, और यूरो-अटलांटिक जनता को आश्वस्त करता है।” यह अभ्यास विशेष रूप से रूस के लिए एक डेटरेंस के रूप में माना जाता है। माना जाता है कि रूस इस क्षेत्र में बाल्टिस्क और ज़ेलेनोड्राडस्क शहरों के पास के क्षेत्रों को चुराने के लिए अपने क्षेत्रीय जल को फिर से खींचने की कोशिश कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में चार अमेरिकी वायु सेना बी-52 स्ट्रैटोफोर्ट्रेस बमवर्षक बीटीएफ यूरोप 24-3 शुरू करने के लिए यूके के रॉयल एयर फोर्स फेयरफोर्ड पहुंचे।

कैलिनिनग्राद रूस का एक दूर स्थित सैन्य बेस है, जहां रूसी सेना ने परमाणु बमों को तैनात किया हुआ है। कैलिनिनग्राद में रूसी नौसेना के बाल्टिक सागर बेड़े का मुख्यालय है। यह वर्तमान में रूस के 46 प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक है। यह यूरोपीय संघ के सदस्यों पोलैंड और लिथुआनिया के बीच स्थिति रूसी सैन्य अड्डा है। यह जगह करीब 223 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है। यह एकमात्र ऐसा इलाका है जो रूस की मुख्य भूमि से कोई सीधा जुड़ाव नहीं है। इसके एक दिशा में लिथुआनिया और दूसरी दिशा में पोलैंड, जबकि उत्तर में बाल्टिक सागर मौजूद है। कलिनिनग्राद ऐतिहासिक रूप से रूसी साम्राज्य का अंग रहा है। इसकी जड़ें पूर्वी प्रशिया और उसकी राजधानी कोएनिग्सबर्ग से जुड़ी हुई हैं।

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