नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रमजान के पवित्र महीने के अवसर पर व्हाइट हाउस में पहली इफ्तार पार्टी की मेजबानी की। हालांकि, पार्टी को लेकर विवाद की लहर उठ गई है। पार्टी में अमेरिकी मुस्लिम सांसदों और समुदाय के प्रमुख नेताओं को निमंत्रण नहीं दिया गया। इसके बजाय, मुस्लिम देशों के विदेशी राजदूतों को आमंत्रित किया गया, जबकि व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी आयोजित करने की परंपरा पिछले दो दशकों से चल रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इफ्तार डिनर के अवसर पर कहा, “मैं आप सभी का व्हाइट हाउस में इफ्तार डिनर में स्वागत करता हूं। हम इस्लाम के पवित्र महीने रमजान का जश्न मना रहे हैं। यह एक बेहतरीन महीना है। दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान मुबारक। हम दुनिया के बेहतरीन धर्मों में से एक धर्म का सम्मान करते हैं।”
इस कार्यक्रम को लेकर कई मुस्लिम सिविल राइट्स समूहों ने विरोध जताया। “Not Trump’s Iftar” नामक मुस्लिम नेताओं के समूह ने इसे ट्रंप की पाखंड भरी राजनीति का उदाहरण बताया। एक प्रदर्शनकारी का कहना था कि, “यह डोनाल्ड ट्रंप का एक तरह का पाखंड है। एक ओर देश में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं, तो दूसरी ओर इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं।”