वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत दौरे पर आने वाले हैं। यात्रा से पहले अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि हम भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करना चाहता है, जिससे वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित की जा सके। वहीं, इस्राइल हमास युद्ध को लेकर उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही देश संघर्ष को फैलने से रोकना चाहते हैं। साझा हितों के कारण नई दिल्ली में प्रस्तावित बैठक के दौरान यह मुद्दा चर्चा का अहम विषय रहेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 10 नवंबर को प्रस्तावित बैठक में अमेरिकी मंत्रियों के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे। इस दौरान दोनों देशों के मंत्री द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और अमेरिका-भारत के रिश्तों को मजबूत करने के लिए विस्तार से बात करेंगे। इसके अलावा, बैठक में इंडो-प्रशांत क्षेत्र और रूस-यूक्रेन पर भी चर्चा होगी।
दक्षिण-मध्य एशिया के सहायक अमेरिकी विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे 2+2 संवाद के लिए भारत की यात्रा करेंगे। लू ने आगे कहा कि दोनों देश रणनीतिक और रक्षा मुद्दों पर उच्च स्तरीय चर्चा करेंगे। साथ ही दोनों अमेरिकी सचिव भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका शुरू से ही स्वतंत्र और सुरक्षित इंडो-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करता है। यह अमेरिका के मुख्य एजेंडों में से एक है।
लू ने भारत-कनाडा विवाद पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि आरोपी को सजा मिलनी चाहिए। कनाडा को जांच आगे बढ़ाना चाहिए और सच सामने लाना चाहिए। अमेरिका ने भारत से भी कहा है कि वह कनाडाई जांच में सहयोग करे।
इस्राइल-हमास युद्ध को लेकर उन्होंने कहा कि भारत सरकार शुरू से हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा करता है। भारत सरकार भी गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान कर रही है। भारत भी अब उन देशों में शामिल है, जो इस्राइल के साथ और हमास का विरोध करने के साथ-साथ गाजा के निर्दोष लोगों के प्रति चिंतित है। भारत के साथ-साथ हमारा भी लक्ष्य है कि हम कैसे इस संघर्ष को फैसले से रोकें। हम चाहते हैं कि मध्यपूर्व देशों में स्थिरता रहे।
लू ने बताया कि 2+2 वार्ता का अहम एजेंडा भारत के साथ सह रक्षा उत्पादन भी रहा है। अमेरिका चाहता हैं कि हम भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करें और वैश्विक सुरक्षा में योगदान दें। अमेरिका चीन-भारत सीमा विवाद पर भी कड़ी नजर बनाए हुए है। अमेरिका जानना चाहता है कि भारत और चीन के बीच सीमा चर्चाएं कैसी चल रही हैं। बैठक में अमेरिका और भारतीय शीर्ष नेता लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर भी बात करेंगे। इसी के साथ अमेरिकी अधिकारी स्वच्छ ऊर्जा, आतंकवाद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर के निर्माण को लेकर भारत की हम मुमकिन मदद करने पर चर्चा करेंगे।