जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर अमित शाह करेंगे हाई लेवल मीटिंग, आतंकवादियों के खिलाफ बनेगी रणनीति

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरुवार, 19 दिसंबर को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग करेंगे। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार ये मीटिंग होने जा रही है। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी, खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि, जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारी शामिल हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री को बैठक में केंद्र शासित प्रदेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे पहले 16 जून को भी अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय बैठकी अध्यक्षता की थी। इस बैठक में उन्होंने आतंक को खत्म करने और आतंकवादियों को मदद करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था। दरअसल, पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है। 20 अक्टूबर को कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी।

जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली थी, जिसके बाद उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री चुना गया है। केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यहां की कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री साल 2025 के लिए जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के बारे में तैयार की गई रणनीति पर विस्तार रूप से चर्चा कर सकते हैं।

आतंकी हमले में हुई थी 7 लोगों की मौत
जम्मू-कश्मीर में इस साल कई बार आतंकवादी घटनाएं सामने आईं। 20 अक्टूबर को मध्य कश्मीर में किए गए एक आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से पहले, कश्मीर में काम कर रहे बाहरी लोगों पर भी हमला किया गया था। सूत्रों ने बताया कि बैठक में हाल की आतंकवादी घटनाओं पर विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है तथा आने वाले दिनों में ऐसे हमलों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर भी चर्चा की जा सकती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में 142 आतंकवादी मारे गए थे और इस साल अब तक यह संख्या लगभग 45 ही है। इसके मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश में 2019 में 50 नागरिक मारे गए थे, जबकि इस साल नवंबर के पहले सप्ताह तक यह आंकड़ा घटकर 14 रह गया।

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