विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी को सर्वोच्च न्यायालय से तगड़ा झटका लगा है. बता दें कि, उन्हें अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करने के मामले में अदालत से झटका लगा है. कोर्ट ने मार्च 2022 में उच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक लगाने के राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. हाई कोर्ट ने सरकार को 6 महीने के भीतर अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करते का का आदेश दिया था.
बता दें कि, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्न 11 जुलाई को इस विषय से संबंधित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा था कि वो जुलाई से विशाखापत्तनम में शिफ्ट होंगे और वहीं से सरकार चलाएंगे. 2014 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्रप्रदेश को 10 वर्षों के भीतर नई राजधानी बनाने के लिए कहा गया था. 10 वर्षों तक दोनों ही राज्य हैदराबाद को राजधानी मानते थे. उस वक़्त के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को वलर्ड क्लास ग्रीनफील्ड कैप्टिल बनाने की बात कही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी नींव भी रखी थी. जानकारी के मुताबिक, राजधानी के लिए हजारों एकड़ की लैंड का अधिग्रहण भी किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 में रेड्डी ने जब सत्ता संभाली, तो उन्होंने पूर्व सरकार के भूमि अधिग्रहण में बड़े घोटाले का इल्जाम लगाया था और कहा था अमरावती में नई राजधानी की योजना भी बनाई और एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी को समाप्त कर दिया. उन्होंने विकेंद्रीकरण की घोषणा करते हुए कानून लाया था और कहा था राज्य की 3 राजधानियां होंगी – कुरनूल अमरावती और मामले कानूनी समस्या आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस बिल को वापस ले लिया था.